Book Title: Prachin Madhyakalin Sahitya Sangraha
Author(s): Jayant Kothari
Publisher: L D Indology Ahmedabad

Previous | Next

Page 743
________________ ७२८ प्राचीन मध्यकालीन साहित्यसंग्रह फळ (सं. बीजपूरक) भणी ६.१८ खातर, -ने लईने बीलका ९९.१३ भत्ति ३०.९ भक्ति बुझ-४५.२८ समजवू, बोध पामवो (सं. बुध्य) भद्र २२५.९, २२५.२४ उत्तम हाथीनी एक जात बूझव-४५.२२ समजाव, बोध आपवो (सं. बुध्य (सं.) परथी) भद्र ३८.४ एक व्रत बुद्ध २६०.९ बुद्धि, ज्ञान (मणि) भमरी ६७.१७ भमती ? बुध ८४.७ ज्ञानी, पंडित (सं.) भमरी १६०.१८ फुदरडी बुधडी १६५.२१ बुद्धि भमरीदार १५२.१० फुदरडी फरतुं बुरंग ७३.२५ भमहि ६६.१० भवां बुहार-१६३.१२ साफ करवू, संजवारी वाळवी | भर जुओ योवनभर (दे. बोहारी) भरडा २५३.२ शिवनो पूजारी, ब्राह्मण बुबारोल २४.१७ कोलाहल भरतभेद २७१.१५ नाट्य-नृत्य-संगीत आदिना बे २७२.१९ प्रकारो (सं.) बेजुरी २२३.२ बिजोरानुं वृक्ष (सं. बीजपूरक) भरह १६८.१३ भरतखंड बेफार १५१.१३ भर्म ४५.२० भ्रम, भ्रान्ति बेर २७०.१८ वार (आवृत्तिदर्शक) भवकंद ३१.२४ संसार- मूळियु (सं.) बेर १२४.८ वार, वखत, समय (हि.) भवछंद १६०.६ संसारनी अभिलाषा-वासना (सं.) बेवि १६७.२८ बन्ने (सं. द्वेऽपि) भवण ७.१२ भवन, महेल बेहुल्या १३२.२७ बन्ने भवर १११.५ भ्रमर बोत २६१.१३ खूब (हिं. बहोत) भवंतर ५६.१६ अन्य भवो (सं. भवान्तर) बोधिबीज १६०.२० शुद्ध धर्मप्रकाशनुं बीज | भविआ ३०.१६ भविक. शीघ्र मोक्षगामी जीव तत्त्व, सम्यक्त्व भव्वजण २६४.२१ भव्यजन, शीघ्र मुक्तिगामी ब्याह ७३.११ विवाह (हिं.) जीव ब्याहन ७७.२१ परणावq ते (हिं.) भंगि १६२.१२ प्रकार, रीत, ढंग भइरव ११०.२१ एक वस्त्रप्रकार भंज-१६९.६ भांगवू (सं.) भजन ७७.२२ आश्रय लेवो ते (सं.) भंजण ४०.२ भांगनार, नष्ट करनार (सं. भंजन) भजनार १८.१७ आश्रय लेनार भंति २७६.१४ शोभे छे (सं. भाति) भट्ट २७१.२२ योद्धो भंभेर-२६७.२४ भट्ट २७२.२३ ब्राह्मण पंडित भा-१२२.२६ विचारवं भड ६३.२९ (अहीं) शौर्य (सं. भट) भाउ ७.१० भाव, मननी इच्छा भडवाउ २६८.६ पराक्रमी, वीर पुरुषो (सं. | भाख २७५.२ भाषा, वाणी भटवाद परथी) भाख-८.१ कहेQ (सं. भाष) भडवाय ५२.५ पराक्रमनी ख्याति (सं. भटवाद) भाग-१७३.१७ भांग, भण-४.२९ कहेवू, बोलवू भागले २३.२ भागोळ ? पादर ? भणी २१.६ -ने माटे भाज-५.१५ भागवू, नष्ट थq Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 741 742 743 744 745 746 747 748 749 750 751 752 753 754 755 756 757 758 759 760 761 762