Book Title: Prachin Madhyakalin Sahitya Sangraha
Author(s): Jayant Kothari
Publisher: L D Indology Ahmedabad

Previous | Next

Page 720
________________ शब्दार्थ ७०५ कास्मीरिया ७३.१७ काश्मीर देशना, घोडानी एक | (सं.) जात कुद्राव ९.५ काहल ६९१० ढोल के भेरीना प्रकारचं एक | कुब्जिका ११०.१४ वाद्यविशेष (सं.) वाद्य कुमेद १९.२९, २५.७ कांमनी १६३.११ कामिनी, स्त्री कुरकचि ११०.१५ वाद्यविशेष कांसी ११०.१६ कांसीजोड, झांझ (सं. कांस्य) कुरबक ७०.२ एक वृक्ष, कांटा-शेरियो (सं.) किण ८.१९ कडे कुरंग ३.१५ हरण (सं.) किन्नर ५.१० एक देवकल्प योनि कुलवट ८.१७ कुल-आबरू, खानदानी किम ६.४ केम, केवी रीते (सं. किम्) कुलीणी ७१.२३ कुलीन, खानदान कियुज २७५.१७ कुसलखेम २५०.२३ क्षेमकुशळ, सहीसलामत किर ६६.११ खरेखर (सं. किल) कुसुमरेणि ११०.२ पुष्परज किरि ६९.१४ खरेखर (सं. किल) कुसुमसर ५५.१४ कुसुमरूपी बाण धरावनार, किवि २०२.१५ केटलाक, (सं. केऽपि) कामदेव किसल १५५.२२ कुंपळ (सं. किसलय) कुंकणा ७३.१७ घोडानी एक जात किसीय ३.२८ केवी कुंठ ४.१८ कण्व ऋषि किसुं ३.२४ केम, शा माटे ? कुंड १३१.२४ किसुं १०.८ कशें, कोई कुंडली २००.१८ वर्तुळाकारे वळेली ? किस्युं ८.२० शुं कुंढास २६०.२८ किह ९.७ क्यां कुंत ३.१७ भालो (सं.) किहाडा ७३.१६ घोडानी एक जात कुंद ५२.१५ मोगरो (सं.) किहांही २०.२४ क्याय कुंभिग २३२.१२ किहि ११.१२ क्या कुंली ६६.८ कळी (सं. कलिका) किंगार ८२.२० केकारव कूअली ६५.२३ कूमळी किंपाक १७.१२ झेरकोचलुं, एक फळ जे कूड ९.२९ कपट १०.३ खोटुं, मिथ्या देखावमा अने खावामां सरस पण प्राणहर होय कूडउ ४.२९ खोटुं, मिथ्या (सं. कूट) कूडउ ६.७ खोटुं, बनावटी किंशुक ५२.१७ केसूडो (सं.) कूर ८७.१८ कीम ८.५ केम, केवी रीते (सं. किम्) कूलिरि २५३.१४ घीगोळ साथे चोळेलो बाजरीनो कुक्ख १६७.१६ कूख (सं. कुक्षि) लोट, कुलेर (दे. कुल्लुरी) कुचभर ७०.१ स्तननी पुष्टता, पुष्ट स्तन (सं.) | कूकू-रोलू ७२.२३ कंकुनो लेप कुडय १०९.९ एक वृक्ष (सं. कुटज) कृतमति ५८.२६ कुण ७.२८ कयो, शो (सं.क: पुन:) कृपाण २४.१५ तरवार (सं.) ७.२९ कोण कृष्णागुरू ७२.२० काळु अगरु कुतिग २५४.८ मनोरंजन के ८७.१७ केटलाक (सं.) कुतीर्थ २४४.१३ खोटा मतवाळा, मिथ्यादर्शनी केइ २४.२८ केटलाक (सं. केऽपि) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 718 719 720 721 722 723 724 725 726 727 728 729 730 731 732 733 734 735 736 737 738 739 740 741 742 743 744 745 746 747 748 749 750 751 752 753 754 755 756 757 758 759 760 761 762