Book Title: Prachin Madhyakalin Sahitya Sangraha
Author(s): Jayant Kothari
Publisher: L D Indology Ahmedabad

Previous | Next

Page 709
________________ ६९४ प्राचीन मध्यकालीन साहित्यसंग्रह सं.१४४५ पा. बूबक, सं.१४४६ तिगुलक, सं.१४४७ पा. महीमद, एतत ढीली राज्य नवयं. पश्चात् देशे देशे राज्यं जातं. एवं गुजरात देशे सं.१४६१ दफरखान, सं.१४६१ पा० तातारखान मास ३, सं.१४६१ मदफर सुरताण, सं.१४६७ पा० अहमद, सं.१४९० पा० महिमद, सं.१५०७ पा० कुतबदीन. वीरश्री कुत्तवेंद्र साह नृपतेः प्रौढ प्रताप्यां वरः कन्याकवे न मालवक्षितिपति साम्राज्य लक्ष्मीरियं, अस्यां एष करग्रहस्य समयेस्तत् कुंभसंस्थापने क्षिप्रं मंडपबंधने विजयते मंत्र प्रतिष्ठा मम. १ सं.१५१५ पा. दाउदखान दिन ९ राज्यं कृतं. सं.१५१५ पातसाह महमुद राज्यं करोति. (आ पछी पीर नाम पर १० कडीनी कविता छे.) - युगवर्णन राजवंशावलि. (जै. ए. ई., पत्र ४ पंक्ति १३, १५१५नी आसपासनी प्रति जणाय छे.) [जैनयुग, आश्विन १९८१, पृ.५७-५८] Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 707 708 709 710 711 712 713 714 715 716 717 718 719 720 721 722 723 724 725 726 727 728 729 730 731 732 733 734 735 736 737 738 739 740 741 742 743 744 745 746 747 748 749 750 751 752 753 754 755 756 757 758 759 760 761 762