Book Title: Prachin Jain Itihas Part 03 Author(s): Surajmal Jain Publisher: Mulchand Kisandas Kapadia View full book textPage 4
________________ सौ० सविताबाई मूलचंद कापड़िया स्मारक ग्रंथमाला नं०८ हमारी स्वगीय धर्मपत्नी सौभाग्यवती सविताबाईका वीर सं० २४५६ में सिर्फ २२ वर्षकी मायुमें एक पुत्र चि० बाबूभाई और एक पुत्री चि० दमयंतीको विलखते छोड़कर स्वर्गवास होगया था, तब उनके स्मार्थ हमने २६१२) का दान किया था। उसमेसे २०००) स्थायी शास्त्रदानके लिये निकाले थे जिसकी मायसे उपरोक्त ग्रन्थमाला प्रकट की जाती है। भाजतक इस ग्रन्थमालासे निम्नलिखित ७ ग्रन्थ प्रकट हो चुके हैं और दिगम्बर जैन तथा जैन महिलादर्शके ग्राहकोंको भेट दिये जा चुके हैं१-ऐतिहासिक स्त्रियां (ब्र० पं० चन्दाबाई जी कृत) ॥) २-संक्षिप्त जैन इतिहास (द्वि० भाग प्र० खण्ड) १m) ३-पंचरत्न (बाबू कामताप्रसादजी कृत) ४-संक्षिप्त जैन इतिहास (द्वि० भाग द्वि० खण्ड) ५-वीर पाठावलि ( बाबू कामताप्रसादजी कृत) ६-जैनत्व (रमणीक बी० शाह वकील कृत) ७-संक्षित जैन इतिहास (भाग ३ खण्ड १)Page Navigation
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