Book Title: Paramagamsara Author(s): Shrutmuni, Vinod Jain, Anil Jain Publisher: Varni Digambar Jain Gurukul Jabalpur View full book textPage 3
________________ कृति - परमागमसार प्रणेता - आचार्य श्री श्रुतमुनि अनुवाद/ संपादन - ब्र. विनोद जैन, पपौरा ब्र.अनिल जैन, जबलपुर संयोजन - ब्र. सुरेन्द्र जैन, "सरस" प्रथम संस्करण - 1000 प्रतियाँ सहयोग राशि : 15/वीर निर्वाण सन् अक्टूबर 2000 लं २ सौजन्य : 1. श्री राजकुमार जैन, टैगोर नगर, रायपुर 2. श्री उत्तमचन्द्र जैन, राजेन्द्र नगर, रायपुर श्री रमेशचंद्र जैन, रमण मंदिर वार्ड, रायपुर श्री रत्नावाई, व्रती आश्रम, जबलपुर 5. श्री अनुज जैन, चौन्ताला स्ट्रीट, सहारनपुर 6. श्री राजेन्द्र कुमार जैन, चौबे कॉलोनी रायपुर मुद्रक - श्री पद्मावती ऑफसेट, जबलपुर आफिस - 410015 कम्पोजिंग - लोटस कम्पूटर्स, मेडिकल, जबलपुर. फोन - 421598 प्राप्ति स्थल - 1. ब्र. जिनेश जैन, संचालक 2. ब्र. विनोद कुमार जैन श्री वर्णी दिग. जैन गुरुकुल श्री ऋषभ व्रती आश्रम पिसनहारी मढ़िया, पपौरा जी, जि. टीकमगढ़ जबलपुर (म. प्र.) फोन :- 07683-44378 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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