Book Title: Panchashak Prakaran me Pratipadit Jain Achar aur Vidhi Vidhan
Author(s): Kanakprabhashreeji
Publisher: Kanakprabhashreeji

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Page 3
________________ प्रमाण पत्र HHHHHHHHREEमरमरमरमरमरमरमसमरAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAA प्रमाणित किया जाता है कि साध्वी कनकप्रभाश्रीजी द्वारा प्रस्तुत "आचार्य हरिभद्र के पंचाशक प्रकरण में प्रतिपादित जैन आचार और विधि-विधानों का तुलनात्मक और समीक्षात्मक अध्ययन" नामक शोध प्रबन्ध मेरे निर्देशन में तैयार किया गया है। उन्होंने यह कार्य लगभग 2 वर्ष पूर्व मेरे सानिध्य में शाजापुर प्राच्य विद्यापीठ में रहकर पूर्ण किया है। यह शोध कार्य मौलिक है और इसे किसी अन्य विश्वविद्यालय में PH.D. की उपाधि हेतु प्रस्तुत नहीं किया गया है। मरमरमरमरमरमरमरमरमरमरमरमरमरमरमरमरमरमरमरमरमरमरमरमरमरमरमरमरमरमरमरमरमरमरमरमरमरAKAARAKATAARAKATATARA मैं इसे जैन विश्व भारती विश्वविद्यालय लाडनूँ PH.D. की उपाधि हेतु परीक्षणार्थ अग्रसरित करता हूँ। डॉ. सारअल जैन निदेशक विनापी शाजापुर 1°) स सानी 6m) प्रो० (डॉ०) सागरमल जैन संस्थापक एवं निदेशक प्राच्य विद्यापीठ, दुपाड़ा रोड शाजापुर (म०प्र०) पिन-465001 RATARATHEETARAKATARARAATAKATARAKATARAरसारAARAKATARAYAKAIRAरमरARAK EVENENENETHNENEWHENHNENENENENEVENEVENHNEHENENEVENENERENCHEHEHENHY Tersen Private use only www.jainelibrary.org Jaindi

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