Book Title: Paia Lacchinammala
Author(s): Dhanpal Mahakavi, Bechardas Doshi
Publisher: R C H Barad & Co Mumbai

View full book text
Previous | Next

Page 8
________________ AVAN AKAMANAVAJAVAJAVAVAVAMAVASASANASI स्वर्गीय लाला रतनचन्दजी संक्षिप्त परिचय लाला रतनचन्दजी का जनम चैत्र शुक्ला अष्टमी विक्रम संवत् १९४५ को अमृतसर में हुआ। अिनके पिता का नाम लाला जगन्नाथजी था और माता का नाम जीवनदेवी है । बचपन से ही आप बहुत होनहार और प्रतिभावाले बालक थे। १३ साल की छोटी सी अवस्था में ही आप अपने पिताजी के साथ मूंगा के कारोबार में शामिल हो गये। १४ वर्ष की आयु में ही कलकत्ता जैसे बड़े शहर में अकेले जाकर पारिवारिक कारोबार को उन्नति दी। आपने न केवल व्यवसाय में ही बल्कि अनेक सामाजिक और धार्मिक कार्यों में भी सदा बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया और हर जगह पूर्ण सफलता प्राप्त की। पंजाब की समस्त जैन सम्प्रदाय में आप सर्वप्रिय थे। पंजाब एस. एस. जैन सभा में आपने बहुत काम किया और अपने साथियों की सहायता से बहुतसी सामाजिक कुरीतियों को जड़ से उखाड़ने में सफलता प्राप्त की। जिस वर्ष आप की मृत्यु हुई आप सभा के प्रधान थे । आप अपने धर्म के पक्के, विशाल हृदय और प्रगतिशील विचार के आदमी थे। आप कभी किसी का बुरा न सोचते । कई बार विचारधारा की भिन्नता के कारण अपने साथियों से गुस्सा हो जाते, परन्तु जल्दी ही उसे भूल जाते और कभी बदले की भावना मन में न रखते थे। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 ... 204