Book Title: Niti Shiksha Sangraha Part 02
Author(s): Bherodan Jethmal Sethiya
Publisher: Bherodan Jethmal Sethiya

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Page 3
________________ प्रस्तावना. . सज्जनो ! नीतिशिक्षासंग्रह का पहला भाग आपने पढ़ा ही होगा, इस समय उस का दूसरा भाग आपके सामने उपस्थित कर हृदय श्रानन्द से उल्लसित हो उठा है / यह छोटीसी पुस्तक उन उत्तम आवश्यकीय शिक्षारूपी रत्नों की पेटी है, जिन की आवश्यकता मानव समाज को अपने जीवन में पड़ा ही करती है और इनका उपयोग कर अपने जीवन को सुखमय बना सकता है। कैसा भोजन किस समय में हितकारी होता है, व्यायाम की उपयोगिता और उससे होने वाले लाभ तथा हानिया, दूध दही घी आदि प्रतिदिन काम में आनेवाली वस्तुओं का सेवन किस समय लाभदायक और किस समय हानिकारक होता है? , वीर्यरक्षा की आवश्यकता, विष मिलेहुए भोजन की परीक्षा, स्वास्थ्य रक्षा के नियम, तेलकी मालिश करने से लाभ और हानिया साँप विच्छू कुत्ते आदि के काटे की दवाएँ, हैज़ा हिचकी नहरुमा खाँसी आदि अनेक रोगों की दवाएँ, छात्रों के लिए शिक्षाएँ, मुहूर्तज्ञान,व्यापार सम्बन्धी अनुभूत शिक्षाएँ, देशसेवक जातिसेवक वकील डॉक्टर कर्मचारी किसान नौकर और व्यापारी को कैसा होना चाहिए तत्सम्बन्धी, तथा नैतिक और आध्यात्मिक प्रादि जीवनोपयोगी विषयों की उत्तमोत्तम शिक्षाएँ सरल भाषा में गूंथी गई हैं; अतः थोड़े पढ़े भी इस से यथेष्ट लाभ उठा सकते हैं। जन साधारण इस का लाभ लें, इसी इच्छा से प्रेरित हो इस

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