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वीतराग विज्ञान आध्यात्मिक प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया था उस समय भी आध्यात्मिक सत पूज्य श्री कानजी स्वामी का जयपुर मे स्मारक भवन के अतिरिक्त केवल श्री दिगम्बर जैन मन्दिर आदर्शनगर मे दूसरी वार प्रवचन का आयोजन विशाल पैमाने पर किया गया, जिसमे भारी जन समूह ने उनकी तात्विक एवं अध्यात्मपूर्ण अमृत वाणी का रसपान किया।
___तथा इसी प्रशिक्षण शिविर के अवसर पर श्री टोडरमल स्मारक भवन मे बडी सख्या मे बाहर से पधारे हुए महानुभावो की भोजन आदि की व्यवस्था मे मुलतान दिगम्बर जैन समाज के युवको ने 21 दिन तक पूर्ण सहयोग दिया।
___ आदर्शनगर दिगम्बर जैन मन्दिर मे प्रत्येक वर्ष दशलक्षणी पर्व बडे धूमधाम एव विविध आयोजनो के साथ बड़े उत्साह पूर्वक मनाया जाता है और प्रत्येक वर्ष बाहर से उच्चकोटि के विद्वानो को आमन्त्रित किया जाता है। प्रात 7 बजे से 9-30 बजे तक सामूहिक पूजन, तत्पश्चात् 9-30 बजे से 10-30 वजे तक वाहर से बुलाये गये विद्वानो के प्रवचन, दोपहर को तत्वगोष्ठी, सायकाल भक्ति एव आरती, रात्रि मे 11 बजे तक दशो दिन विभिन्न प्रकार के सास्कृतिक एन धार्मिक आयोजनो द्वारा महती धर्म प्रभावना होती रहती है । तथा दश लक्षण पर्व के मध्य होने वाले रविवार को विशेष रूप से सार्वजनिक उत्सव मनाया जाता है जिसमे वाहर से पधारे हुए एन स्थानीय प्रमुख विद्वानो के प्रवचन, आध्यात्मिक एन उपदेशक गीत, पूजन, एन कलपाभिषेक, शोभायात्रा आदि का आयोजन किया जाता है जिसमें शहर तथा आसपास के उपनगरो के लोग बडी संख्या में भाग लेकर धर्म लाभ लेते हैं।
इम तरह वर्प मे आने वाले दीपावली भगवान महावीर निर्वाण महोत्सव आष्टानिकाए, अक्षय तृतिया, श्रुत पचमी, रक्षा बन्धन आदि पर्व भी वडे उत्साह के साथ अनेक कार्य नमो के साथ मनाये जाते हैं।
समय समय पर सिह चक्र विधान, भक्तामर स्तोत्र विधान एव ऋषि मण्डल आदि विधान व्यक्तिगत एव नामूहिक रूप से बहुत उत्साह के साथ कराये जाते रहे हैं, जंगा कि विगैप कर सन् 1976 का सिद्ध चक्र विधान का वृहत् आयोजन उल्लेखनीय है ।
माध-मन त्यागी-प्रती आदि को भी ठहराने की आदर्शनगर दिगम्बर जैन मन्दिर मे सानिन व्यवस्था है ।
मन 1979 में दिल्ली में श्रवणवे गोला को ओर विहार करते हुए एलाचार्य 108 श्री विद्यानन्दजी महाराज जय जयपुर पधारे तो इस अवसर पर 13-1-79 से 21-1-19 गा महागज दिगम्बर जैन मन्दिर आदर्शनगर मे विगजे तथा उनके प्रात 8 बजे न
ना मार्गनिर नप में विशाल जन समूह की उपस्थिति मे मागभित प्रवचन --
आगगनी बन्धुजी ने धर्म लाभ चिया।
.YIT गिधा न नमाज-निराम में पानी में