Book Title: Multan Digambar Jain Samaj Itihas ke Alok me
Author(s): Kasturchand Kasliwal
Publisher: Multan Digambar Jain Samaj

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Page 245
________________ बांठिया परिवार श्री अमनलाल जी बाठिया मूल निवासी विशनगढ के थे । उनकी दो बहने डेरागाजीखान मे श्री करमचन्द एव श्री कवरभान को व्याही राने के कारण आप भी डेरागाजीखान मे आकर रहने लगे और आपकी शादी मुपुत्री श्री उदयकरण जी के साथ हो गयी। किन्तु थोडे समय बाद ही कुछ विशेष वीमारी हो जाने के कारण उनका स्वर्गवास हो गया ओर आप भुलतान आकर रहने लगे । आपके श्री रोशनलाल एक मात्र पुत्र हैं। श्री रोशनलाल जी __ श्री रोगनलाल जी ने मुलतान मे मैट्रिक तक शिक्षा प्राप्त की और पाकिस्तान वनने के बाद जयपुर आकर रहने लगे । यहा आपकी स्टेट बैंक आफ बीकानेर एण्ड जयपुर मे केसियर के पद पर नियुक्ति हो गई। आपकी धर्मपत्नी का नाम श्रीमती भगवानी देवी का भी असमय मे स्वर्गवास हो गया । आपके सन्तोष व अशोक दो पुत्र एव दो पुत्रियां है । कई जगह स्थानान्तर होते-होते आजकल आपकी दिल्ली ब्राच मे नियुक्ति है । श्री रोशनलाल जी के पुत्र श्री सतोषकुमार जी रोशनलाल जी के प्रथम पुत्र है । स्नातक शिक्षा प्राप्त कर स्टेट बैंक आफ वीकानेर एण्ड जयपुर में कार्यरत हो गये । आपकी धर्मपत्नी का नाम श्रीमती वाली देवी जैन है, आपके दो लडकिया है और आप शाहदरा (दिल्ली) मे रहते है । श्री अशोककुमार जी रोशनलाल जी के द्वितीय पुत्र है । आप अभी अविवाहित है । "Anmonarma --t.taih श्री राजेन्द्रकुमार जी फिरोजाबाद श्री राजेन्द्रकुमार पुत्र श्री जयन्ती प्रसाद पहले फिरोजाबाद मे रहते थे। पण्डित श्री अजीत कुमार (बहनोई) के मुलतान मे आ जाने पर आप भी मुलतान आकर रहने लगे। मुलतान मे कमला देवी (कमोवाई) सुपुत्री श्री भोलाराम जी के साथ आपका विवाह हो गया और वहा व्यवसाय करने लगे । आप उत्साही और धर्मज्ञ नवयुवक थे, समाज के सभी कार्यक्रमो मे अग्रणी होकर भाग लेते थे। पाकिस्तान बनने के बाद आप वापस फिरोजावाद चले गये और वहां आपने व्यवसाय प्रारम्भ कर दिया । आपके खुशहालचन्द व चन्द्रकुमार दो पुत्र एवं एक पुत्री है । आपका सन् 1957 ई० को स्वर्गवास हो गया । in.. ... • मुलतान दिगम्बर जैन समाज-इतिहास के आलोक [ 201

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