Book Title: Multan Digambar Jain Samaj Itihas ke Alok me
Author(s): Kasturchand Kasliwal
Publisher: Multan Digambar Jain Samaj

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Page 222
________________ श्री शिवनाथ मल जी कोठारी परिवार श्री शिवनाथ मल जी कोठारी श्री शिवनाथ मल जी कोठारी मूलत जोधपुर वासी है । आपकी बहिन मुलतान मे श्री छोगमल जी सिंगवी को व्याही गई थी। आप भी मुलतान जा कर बहनोई के पास रहने लगे। वाल्यकाल से ही आपके आदर्श एव विनय का वृक्ष आगे पल्लवित एव पुष्पित हो समाज को सुरक्षित करने लगा। आप एक होनहार व्यक्ति के रूप मे समाज के सामने उभर कर आये । अपने बहनोई की फर्म घनश्याम दास छोगमल मे कर्मठ कार्यकर्ता बनकर व्यवसाय को सम्भालने लगे एव उसमे काफी प्रगति की । श्री छोगमलजी का डेरागाजीखान मे आकस्मिक निधन हो जाने पर उनके व्यवसाय की आप पर काफी जिम्मेदारी आ गई जिसे आपने बडी लगन एव निपुणता से निभाया। A. । आपकी मात्र एक पुत्री श्रीमती शीलादेवी है जिनका विवाह आपने श्री विशम्भर दास के साथ किया और सूत का व्यवसाय कराकर उन्हे अपने पास रख लिया । पाकिस्तान बनने के बाद जोधपुर आगये। कुछ समय वहा रहने के पश्चात् आपने दिल्ली आकर व्यवसाय प्रारम्भ कर दिया और वहा आपने इतनी उन्नति की कि दिल्ली मे सूत आदि के अच्छे व्यापारी माने जाने लगे और आज आपकी ,समाज मे बहुत अच्छे सम्पन्न घरानो मे गिनती है । आपके कोई पुत्र न होने के कारण आपने अपनी लडकी के पुत्र श्री बाबूलाल को गोद लेकर अपना लडका बना लिया और सभी एक सम्मिलित परिवार के रूप मे रह रहे हैं । आप अपनी धर्म पत्नी श्रीमती गणेशीबाई को पटना के पास उपचार हेतु किसी स्थान पर ले गये थे जहा उनका आकस्मिक निधन हो गया । 178 ] • मुलतान दिगम्बर जैन समाज-इतिहास के आलोक मे

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