Book Title: Multan Digambar Jain Samaj Itihas ke Alok me
Author(s): Kasturchand Kasliwal
Publisher: Multan Digambar Jain Samaj

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Page 161
________________ HtALI श्री महेन्द्र कुमारजी आपका जन्म डेरागाजीखान मे सन् 1939 मे हुआ । जयपुर में स्कूली शिक्षा के पश्चात् आप स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एण्ड जयपुर मे कैशियर के पद पर कार्यरत है । आपकी पत्नी का नाम विमला देवी है । आप उत्साही कार्यकर्ता हे और मुलतान दिगम्बर जैन समाज के कई वर्षो से कार्यकारिणी के सदस्य हैं। आपके ससुर के कोई पत्र नही होने के कारण उनका व्यवसाय भी आपको मिला। उनका सस्थान ताराचन्द आशानन्द जैन नेहरू बाजार, जयपुर मे है। सस्थान __ का फोन नम्बर 72943 है। आपने अभी आदर्शननर जयपुर मे अपना भवन श्यामाप्रसाद मुकर्जी मार्ग, प्लाट नम्बर बी-10 ए मे बनाया है । आपके सजय व पीयूप दो पुत्र है। श्री वीर कुमारजी ___ श्री वीर कुमार का जन्म भी डेरागाजीखान मे हुआ था। स्कूली शिक्षा के वाद मोटर मैकेनिक का कार्य सीख कर स्कूटर व रिपेयरिग एव पार्टस का व्यवसाय करने लगे । आपकी सस्थान जैन ऑटोरिपेयरिंग का पुलिस मैमोरियल जयपुर मे है । जिसका फोन नम्बर 68123 है । आपकी धर्मपत्नी का नाम र जना हे । आपके अचिन एक पुत्र है। सुरेन्द्र कुमार श्री सुरेन्द्र कुमार गिरधारी लालजी के तीसरे पुत्र है । आपकी धर्मपत्नी का नाम अनाता है । आप ताराचन्द आशानन्द जैन, नेहरू बाजार, जयपुर सस्थान मे __ कार्यरत है। आपके चिन्नू एक पुत्र है। श्री हीरानदजी पुत्र श्री जेठानदजी के परिवार का परिचय श्री हीरानन्दजी के दो पुत्र है श्री दयालचन्दजी, व श्री पोखरदामजी है । श्री दयालचदजी श्री दयालचन्दजी सुपुत्र श्री हीगनब्जी का जन्म डेरागाजीखान मे हुआ था । गप डेरागाजीखान एव मुलतान मे व्यवसाय करते थे। पाकिस्तान काने के पश्चात् आप जबर मार लगे। स्वभाव से आप तीक्ष्ण बुद्धि, समान। शास्त्र सभा मे तत्वचर्चा प्रेमी योना । तीन पुत्र है। PRE NA • मुलतान दिगम्बर जैन समाज-इतिहास के आलोक में

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