Book Title: Multan Digambar Jain Samaj Itihas ke Alok me
Author(s): Kasturchand Kasliwal
Publisher: Multan Digambar Jain Samaj

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Page 216
________________ सिंगवी परिवार श्री बिहारी लाल जी सिगवी परिवार श्री सान रामजी भी श्री लुणिन्दा मल के वशज है । सानू राम जी के पुत्र श्री लिहारी लाल जी का जन्म डेरागाजीखान मे हुआ था। बाद मे आप मुलतान मे आकर रहने लगे, आप धर्मज्ञ एव सिद्धान्त के पक्के थे। आपने धर्म के विषय मे परिस्थितियो से भी सम्झौता नही किया, पूर्व परम्परा के अनुसार अढिग रहे और दूसरो को शुद्ध आम्नाय पर चलने के लिये प्रेरित करते रहे । आप सानूराम विहारी लाल के नाम से काले मी मुलतान मे व्यवसाय करते थे । आपके एक मात्र पुत्र श्री घनश्याम दास थे। जिनका विवरण नीचे दिया जा रहा है। घनश्यामदास जी सिंगवी आपका जन्म मूलतान नगर मे बिहारी लाल जी के घर हुआ था। बचपन आपका साधारण स्थिति मे व्यतीत हुआ पर जीवन के प्रति आपके उत्साह एव उमग ने आपको आगे वढने के लिये प्रेरणा प्रदान की। युवावस्था मे प्रथम चरण मे आपने लुधियाना मे होजरी निर्माण के सम्बन्ध मे प्रयोगात्मक अनुभव प्राप्त किया और मुलतान । आकर एक इन्द्रा होजरी मिल के नाम से उद्योग स्थापित किया जो कुछ ही समय मे पजाव मे अच्छे व जाने माने प्रसिद्ध उद्योगो की गिनती मे गिना जाने लगा। बुद्धि की तीक्ष्णता एव दूरदर्शिता, से आपने व्यवसाय तथा समाज मे अच्छी सफलता एव प्रतिष्ठा प्राप्त की। यही कारण था कि समाज का साधारण व्यक्ति भी आपसे परामर्श लेता था। भारत विभाजन के बाद आप कुछ समय के लिये जयपुर मे आकर उपरोक्त उद्योग लगाया। आदर्श नगर मे मन्दिर निर्माण की बात आयी तो आपने श्री कवरभान जी आदि के साथ योग देकर इसके निर्माण मे काफी रुचि ली । उस समय समाज के कोषाध्यक्ष के नाते आपने मन्दिर निर्माण के लिये धन एकत्रित करने मे भी पूर्ण योगदान दिया । मन्दिर निर्माण के समय श्री आसानन्दजी वगवाणी को जव मन्दिर निर्माण समिति का अध्यक्ष CURNAM COM 172 ] • मुलतान दिगम्बर जैन समाज-इतिहास के आलोक मे

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