Book Title: Multan Digambar Jain Samaj Itihas ke Alok me
Author(s): Kasturchand Kasliwal
Publisher: Multan Digambar Jain Samaj

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Page 197
________________ श्री चंद्रसेन जी श्री चन्द्रसेन जी गुलाबचन्द जी के द्वितीय पत्र "डाक्टर" के नाम से प्रख्यात है। माही, नर्मठ कार्यकर्ता, समाज सेवी, कुशाग्र बुद्धि युवक है। धार्मिक कार्यों में सत्रिय योग देते है और अपने व्यवसाय में निपुण है। आपकी धर्मपत्नी का नाम ललिता जैन है, आपके पराज. नीरज एवं पणू तीन पुत्र है । श्री सूरज जैन जी श्री सूरज जैन कुशल परिश्रमी एव उत्साही युवक है। अपने कार्यों मे अच्छी म्याति प्राप्त की है। मिलनसार व्यक्ति है। जौहरी एवं सप्लाई का कार्य करते है। अभी अविवाहित है, पिता के साथ रहते है। श्री राजकुमार जी जैन श्री राजकुमार जैन उत्तमचन्द जी नौलखा के द्वितीय पुत्र है। अथक परिश्रमी व्यक्ति हैं। आप अपना अलग व्यवसाय करते हैं । आपकी धर्मपत्नी का नाम सुदर्शना देवी है, आपने प्रान्ति व राकेश दो पुत्र एव 2 पुत्रिया है। पदमावती कन्यापाठशाला के सामने, घी बालोदेरास्ते में रहते है । क्रान्ति एक होनहार उदीयमान युवक है। [ 155 मुलतान दिगम्बर जैन समाज-इतिहास के आलोक मे


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