Book Title: Multan Digambar Jain Samaj Itihas ke Alok me
Author(s): Kasturchand Kasliwal
Publisher: Multan Digambar Jain Samaj
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श्री चन्द्रकुमारजी श्री निहालचन्दजी के पाचवे पुत्र है। आप अपना अलग व्यवसाय करते हैं एवं अलग रहते हैं।
श्री धर्मपालजी श्री निहालचन्दजी के छठे पुत्र है। स्कूली शिक्षा के बाद आप अपनी फर्म भोजाराम निहालचन्द कटला पुरोहितजी मे कार्यरत है। आपकी धर्मपत्नी का नाम निर्मला देवी है। आपके तीन पुत्रियाँ है। निवास--अपने भाइयो के साथ 435 आदर्शनगर जयपुर-4 मे रहते है ।
श्री निरंजनलालजी श्री निहालचन्दजी के सातवे पुत्र हैं। शिक्षा प्राप्ति के बाद भाइयो के साथ भोजाराम निहालचन्द सस्थान में कार्यरत है । आपकी धर्मपत्नी का नाम श्रीमती सन्तोप है। आपके आशु एक पुत्र है । निवास-भाइयो के साथ ।
श्री सुरेशकुमारजी श्री निहालचन्दजी के आठवें पुत्र हैं। आपकी धर्मपत्नी का नाम शशी देवी है तथा दो पुत्रियाँ हैं । व्यवसायी एव कर्मठ कार्यकर्ता हैं।
निवास एव व्यवसाय--उपरोक्त भाइयो के साथ । श्री भोजाराम निहालचन्द कटला पुरोहितजी, जयपुर ।
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श्री राजारामजी श्री राजारामजी का जन्म भोजाराम पारख के घर डेरागाजीखान मे हुआ था। बचपन से ही आप स्वाध्याय प्रिय थे । स्वाध्याय के बल पर ही आपको जैन सिद्धान्त का वहुत अच्छा ज्ञान था और जीवन पर्यन्त आपने शास्त्र सभा मे शास्त्र प्रवचन किया जिससे समाज मे शास्त्र सभा भी निरन्तर चलती रही तथा आप समाज मे सभी सहधर्मी भाइयो को स्वाध्याय के लिये निरन्तर प्रेरणा देते रहते थे तथा आप गृहस्थ जीवन मे रहते हुये
सयम का भी भली भाति पालन करते थे। मरण पर्यन्त आपने अग्रेजी दवाई, रात्रि भोजन, वर्फ आदि के त्याग का पालन किया । जून 1970 मे त्याग पूर्वक समता से आपकी हृदय गति रुक जाने से अमामयिक निधन हो गया । आपकी धर्मपत्नी का नाम श्रीमती उत्तम देवी है । आपके श्री फूलचन्द, श्री पन्नालाल, श्री मोहन लाल, श्री अशोक कुमार चार पुत्र हैं।
निवास--मकान नम्बर 591 आदर्शनगर, जयपुर ।
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• मुलतान दिगम्बर - जैन समाज-इतिहास के आलोक मे

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