Book Title: Mantra Mahodadhi Granth
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दीपनमाह // जपइति // हंसमंत्रेणपुटितस्यमंत्रस्यसहस्रजपोदीपनम् // हंसरामायनमःसोह मिति // बोधनमाह // नभइति // नमोहः // वहीरः // इंदुबिंदुस्तैर्युक्तो(ऊः // तेनहूं // एतत्सं पुटितस्य मनोः पंचसहस्रजपोबोधनम् // ९रामायनमामिति // फदरामायनमःफडितिसहस्रजपस्तु जपोहंसपुटस्यास्यसहस्रंदीपनंस्मृतम् // नभोवह्नींदुयुक्तासिंपुटस्यजपोमनोः // 102 // सहस्र पंचकमितोबोधनंतत्स्मृतंबुधैः // सहस्रप्रजपेदत्रपुटितंताडनहितत् // 103 // वाकहंसतारै जप्तेनसहस्रंपाथसा मनुम् // अभिषिचेतवागाद्यैरभिषेकोयमीरितः // 104 // हरिवन्ह्यन्वितस्तारी वषडंतोध्रुवादिकः॥ सहस्रंतत्पुटंजप्याद्विमलीकरणेमनुः // 105 // ताडनम् // 102 // 103 // अभिषेकमाह // वागिति // ऐहसा*इतिमंत्रणसहस्राभिमंत्रितर्जलेस्तेनैवमंत्रे णताडपत्रीपरिलिखितमंभिषेचनमभिषेकः // 104 // विमलीकरणमाह // हरिरिति // हरिस्तः॥ वन्ह्य अन्वितारयुतः॥ तारीप्रणवयुतः॥त्रों॥ॐत्रोंवषट्रामायनमःवषत्रोंॐइतिसहस्रजपोविमलीकरणम्॥१०॥ For Private and Personal Use Only

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