________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जाहि धूमावती, बगला शाक्तप्रमोद दशमहाविद्याओंका पञ्चाङ्ग। शाक्तप्रमोद अर्थात् दशमहाविद्या ( काली, तारा, त्रिपुरसुंदरी भुवनेश्वरी, छिन्नमस्ता, त्रिपुरभैरवी, वती, बगलामुखी, मातंगी कमलात्मिका) और पंचदेवताओं (दर्गा, शिव, गणेश, सर्य और विष्णु) के पंचांग अत्युत्तम चिकने मोटे विलायती कागजपर नवीन छपकर तय्यार हुआहै ग्रन्थकी रक्षाके निमित्त सुन्दर विलायती कपड़ेकी जिल्दभी बाँधी गई है, जिसपर अति चमकीले सुवर्णके 11 अक्षरोंसे ग्रंथका नाम लिखा गया है और उचित 2 स्थानोंपर चित्रभी यथातथ्य अतिस्वच्छ लगाये गये हैं यह शाक्तप्रमोद शाक्त जनोंको तो अतिही प्रमोदप्रद है, मू०५० पुस्तकमिलनेका-ठिकाना-खेमराज श्रीकृष्णदास-श्रीवेंकटेश्वर छापाखाना-मुम्बई. For Private and Personal Use Only