Book Title: Maharani Chelna Ki Vijay
Author(s): Rajni Jain
Publisher: Acharya Dharmshrut Granthmala

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Page 2
________________ सम्पादकीय भगवान महावीर के शासन काल के समय बज्जी गणतंत्र के गणपति राजा चेटक की सबसे छोटी पुत्री राजकुमारी चेलना का एक चित्र देखकर मगध सम्राट बिम्बसार उसके रूप सौन्दर्य पर मुग्ध हो उठे उन्होंने उससे विवाह करने की इच्छा की उनके पुत्र युवराज अभय कुमार साहस और युक्ति पूर्वक राजकुमारी चैलना को मगध लाकर अपने पिता सम्राट बिम्बसार की पटरानी बना दिया। ने उधर राजा चेटक क्रोध से उबल पड़े। युद्ध की स्थिति उत्पन्न हो गई । अहिंसा धर्म की मानने वाली चेलना यह कैसे सहन करती की उसके कारण युद्ध में हजारों लोगों का रक्त बहे । वह स्वयं युद्ध भूमि में पहुँच गई। क्या वैशाली की सेना अपनी ही बेटी पर शस्त्र उठाती ? और युद्ध टल गया। यही अहिंसा धर्म और महारानी चेलना की सच्ची विजय थी। जैन चित्र कथा ★ महारानी चेलना की विजय (भाग I ) ★ प्रकाशक ★ सम्पादक लेखक ★ कला ★ I.S.B.N. ★ मूल्य ★ प्रकाशन वर्ष : आचार्य धर्मश्रुत ग्रन्थमाला : धर्मचन्द शास्त्री व्र० धर्मचंद शास्त्री प्रतिष्ठाचार्य ज्योतिषाचार्य : ब्र० रजनी जैन (संघस्थ आदिमति माता जी ) : डा० मधु जैन, बम्बई : 81-85834-43-1 : 10 रुपये : 1996 कार्यालय (१) श्री दिगम्बल जैन मन्दिर गुलाब वाटिका लोनी रोड, जि० गाजियाबाद (उ०प्र०) (२) गोधा सदन अलसीसर हाउस, एस०सी० रोड, जयपुर स्त्वाधिकारी, मुद्रक/प्रकाशक तथा सम्पादक धर्मचंद शास्त्री

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