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पत्र २
१ माता का नाम
२ पिता का नाम
३ च्यवन कल्याणक
श्री ऋषभदेव भगवंत
४ जन्म कल्याणक
५ दीक्षा कल्याणक
६ केवलज्ञान कल्याणक
७ निर्वाण कल्याणक
८ गणधर
९ साधु १० साध्वी
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१९ श्रावक
१२ श्राविका
| १३ ज्ञानवृक्ष
१४ यक्ष [ अधिष्ठायक देव]
१५ यक्षिणी [ अधिष्ठायिका देवी ]
१६ आयुष्य
१७ लंछन [ चिह्न - Mark] १८ च्यवन किस देवलोक से ? १९ तीर्थंकर नामकर्म उपार्जन
२० पूर्वभव कितने ?
२१ छद्मस्थ अवस्था
मरूदेवा
नाभिकुलकर
आषाढ कृष्णा ४/अयोध्या चैत्र कृष्णा ८ / अयोध्या
चैत्र कृष्णा ८ / अयोध्या [विनीतानगरी] फाल्गुन कृष्णा ११ /पुरिमताल माघ कृष्णा १३/अष्टापद पर्वत
संख्या ८४/प्रमुख पुंडरीक संख्या ८४००० / प्रमुख ऋषभसेन
संख्या ३ लाख / प्रमुख ब्राह्मी संख्या ३ लाख ५ हजार / प्रमुख श्रेयांस संख्या ५ लाख ५४ हजार / प्रमुख सुभद्रा
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६
| २२ गृहस्थ अवस्था
२३ शरीर - वर्ण [आभा]
२४ दीक्षा दिन की शिबिका का नाम
२५ नाम- अर्थ
८४ लाख पूर्व
वृषभ - बैल सर्वार्थसिद्धविमान [अनुत्तर देवलोक ] वज्रनाभ के भव में
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वटवृक्ष
गोमुख
चक्रेश्वरी
१३
१ हजार बरस
८३ लाख पूर्व
सुवर्ण
सुदर्शना
प्रथम स्वप्न में माता के द्वारा वृषभ देखने के कारण