Book Title: Magar Sacha Kaun Batave
Author(s): Bhadraguptasuri
Publisher: Mahavir Jain Aradhana Kendra Koba

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Page 128
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ११७ पत्र १५ ऐसे क्रियावादी लोगों को कवि कहते हैंफल अनेकान्त किरिया करी बापड़ा, रडवडे चार गतिमाहे लेखे.... क्रियावादी लोग अपनी आँखों से क्रियाओं का अनेकान्त-फल [अनिश्चित फल] नहीं देखते हैं और ऐसी अनिश्चित फलवाली क्रियायें कर वे बेचारे.... चार गतियों में जन्म-मरण करते रहते हैं। संसार में भटकते [रडवड़े] हैं। जिनाज्ञापालन का यथार्थ फल है मोक्ष | यदि मनुष्य धर्मक्रिया कोई माया से करता है, लोभ से करता है, अथवा भौतिक पदार्थों की आशंसा से करता है, तो उस धर्मक्रिया से मोक्ष नहीं मिलता है, परंतु संसार की चार गतियों में भटकने रूप फल मिलता है-इसको कहा गया है, अनेकान्त-फल | ज्ञानरहित क्रिया का फल मोक्ष नहीं है, ज्ञानसहित क्रिया का फल मोक्ष है। क्रियावादी लोग जिनाज्ञा का यथोचित पालन नहीं कर सकते। क्रियामार्ग को लेकर अनेक मतभेद पैदा होते हैं, और अनेक अलग-अलग 'गच्छ' पैदा होते हैं। श्री आनन्दघनजी के समय में ऐसे ८४ गच्छ थे। गच्छों की आपस की लड़ाइयों को देखकर आनन्दघनजी क्षुब्ध थे। उन्होंने कहागच्छना भेद बहु नयण निहालतां, तत्त्वनी वात करतां न लाजे.... अलग-अलग गच्छवाले, अपनी-अपनी मान्यताओं का प्रतिपादन करते हैं। और जिनोक्त तत्त्वों की बाते करते हैं! एकान्त मान्यताओं में बंधे हुए ये लोग अनेकान्तवाद की, स्याद्वाद की बात करते हुए शरमाते नहीं! रागद्वेष की परिणतिवाले ये लोग रागद्वेष से मुक्त होने की बात करते हुए लजाते नहीं! ये लोग कैसे जिनवचनों का अपने जीवन में पालन कर सकते हैं? यानी नहीं कर सकते। __ घरबार छोड़कर जो साधु बने, साधु का वेश पहना, वे भी गच्छ के व्यामोह में फँस गये और आत्मा को भूल गये! मानपान और खानपान में डूब गये। इस व्यथा को व्यक्त करते हुए कवि कहते हैंउदरभरणादि निज कार्य करता थकां, मोह नडिया कलिकाल राजे. कलिकाल का यह प्रभाव है.... कि संसारत्यागी साधु-संतों को भी मोह नचाता है। अपने स्वार्थों को सिद्ध करने के लिए वे प्रयत्नशील दिखाई देते हैं। अच्छा.... बढ़िया खानपान [उदरभरण] और मान-सम्मान पाने के लिए उनका सारा क्रियाकलाप होता है। ऐसे लोग जिनाज्ञा का पालन कैसे कर सकते हैं? For Private And Personal Use Only

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