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लघुविद्यानुवाद
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विधि :-इस मन्त्र से पानी ७ बार मन्त्रित करके पिलाने से बवासीर ठीक हो जाता है। मन्त्र :-अडी विरण्डी विहंडि विमडीवा कुण कुण कुतय तीविरण ही विमडी वा
कुकुणा विद्यापसाए अम्हकुले हरि साउन भवंति स्वाहा । विधि -इस मन्त्र से किसी भी प्रकार के धान्य का लावा (धाणी) को मन्त्रित करके ७ दिन
तक खिलावे तो हरिष रोग याने बवासीर ठीक होता है। मन्त्र :-अंजरिण पुतु हणवतु वालि सुग्रोउ मुहि पइसइ २ सोसइ २ हरि मंत्रेण
हणुवंत की आज्ञा फुरइ । विधि :-इस मन्त्र से सुपारी मन्त्रित कर देने से और नारियल की जटा कमर मे बाधने से बवासीर
रोग ठीक होता है। मन्त्र :-ॐ धानी धानी तुह सो वलि हाली वावी होई दुवन्नी मासि दीहि बांधइ
गांठिडउ गांठि २ विस कंटउ पसरइ असुर जिणे विणऊभऊ ।
भारणऊं। विधि -इस मन्त्र से पानी २१ बार मन्त्रित करके पीने से विष कटक नाश होता है। मन्त्र :- ॐ नमो द्राद्राव्य जस्स सरीखेर कारिणी तस्स छंडती नमो नमः श्री हनुमन्त
की प्राज्ञा प्रवर्तते । विधि -इस मन्त्र से थूक और भस्म दोनो को मन्त्रित कर दाद के ऊपर लगाने से दाद ठीक होता
है। प्रभु गदिनद्रद्रे चहिया वलि तैलेन सह मेलयित्वा ऽभि मन्त्रिणा पूर्व दीयते दद्रादिक
याति। मन्त्र :-कर्म जारणइ धर्म जारणइ राका गुरु कउ पातु जारणइ सूर्य देवता जाणइ
जाई रे विष । विधि - इस मन्त्र से फोडा को मन्त्रित करने से फोडा ठीक हो जाता है । मन्त्र :-ॐ दधी चिकतु पुत्रु तामलि रिषि तोर उपित्ता गावि जीभ वाटि
मारियउ तिथु वयरिहंतु लागउहंतु गावितु हु ब्राह्मणु छाडि २ न
कीजइ अइसा। विधि :-इस मन्त्र से जल २१ बार मन्त्रित करके उस पानी को मुख मे लेकर, मुख मे घमाने से
मसोडा ठीक होता है।