Book Title: Laghu Vidhyanuvad
Author(s): Kunthusagar Maharaj, Vijaymati Aryika
Publisher: Shantikumar Gangwal

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Page 720
________________ ६३४ लघुविद्यानुवाद चित्रा नक्षत्र मे गुलाव की जड लेकर पास रक्खे तो शरीर मे नष्ट नही होता है। १४ । स्वाति नक्षत्र मे मोगरा की जड लेकर भैस के दूध मे घिस कर पीने से काले से गोरा होता है । १५ । विशाखा नक्षत्र मे बबूल की जड को लाकर पास मे रक्खे तो नित्य ही चोरी करने पर प्रकाशित नही होता है । १६ । अनुराधा नक्षत्र मे चमेली की जड को लाकर सिर पर रक्खे तो शत्रु मित्र हो जावे। १७ । ___ जेष्ठा नक्षत्र मे जामुन की जड को लाकर पास रक्खे तो राजा के द्वारा सन्मान को प्राप्त हो । १८ । मूल नक्षत्र मे गूलर की जड लेकर पास रक्खे तो दूसरे का द्रव्य मिले । १६ । पूर्वाषाढा नक्षत्र में शहतूत की जड लेकर स्त्री को पिलावे तो योनि संकोच होती है । २० । उत्तराषाढा नक्षत्र मे कलगरामा की जड लेकर हाथ मे बाधे तो पहलवान से युद्ध मे जीते । २१ । श्रवण नक्षत्र मे प्रावली की जड, नागरबेल के रस मे पीवे तो स्त्री नव यौवनवान हो । २२ । धनिष्ठा नक्षत्र में बबूल की पत्ती अजन प्राख मे करे तो सोना, चादी की परीक्षा मे सफल होय, याने परख ज्यादा करे । २३ । शतभिषा नक्षत्र मे केले की जड लेकर शहद के साथ पीवे तो चाप न होय । २४ । पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र मे तुलसी की जड लेकर मस्तक पर रक्खे तो मुरदा कभी नही जलता है । २५ । उत्तराभाद्रपद नक्षत्र मे पीपल की जड लेकर पास रक्खे तो चतुर मनुष्य युद्ध मे जीत कर आता है । २६ । रेवती नक्षत्र मे वड की जड लेकर माथे पर रक्खे तो दृष्टि चौगुनी होय । याने अगस दृष्टि ह ती है । २७ । हिंगुल १८ तोला, अभ्रक ३२ तोला एकत्र कर रूद्रवती के रस मे घाटकर चादी के पत्रे पर लेप कर पुट दीजे तो सुवर्ण होता है । २८ ।

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