Book Title: Laghu Vidhyanuvad
Author(s): Kunthusagar Maharaj, Vijaymati Aryika
Publisher: Shantikumar Gangwal

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Page 754
________________ लघुविद्यानुवाद (१०) पोष मास मे तिलो के साथ खाने से जल के भीतर की वस्तु भी दृष्टिगोचर हो। (११) माघ मास मे मोथा की जड के साथ खाने से शक्तिशाली हो। (१२) फाल्गुन मास मे प्रावला के साथ खाने से पैदल यात्रा की शक्ति बढे । यक्षिणी कल्प (१) विचित्रा (२) विभ्रमा (३) विशाला (४) सुलोचना (५) वाला (६) मदना (७) धूम्रा (हसनी) (८) मानिनी (8) शतपत्रिका (१०) मेखला (११) विकला (१२) लक्ष्मी (१३) काल करणी (१४) महाभय (१५) महिन्द्रीका (१६) श्मसानी (१७) वट यक्षिणी (१८) चन्द्रिका (१६) चक्रपाली (घटा कणि) (२०) भीषणा (२१) जनरजिका (२२) विशाला (२३) शोभना तथा (२४) शखिनी। विचित्रा-मन्त्र :-ऐं विचित्र विचित्र रूपे सिद्धि कुरु कुरु स्वाहा । विधि :-वट वृक्ष के नीचे एक लाख जाप करने से, विचित्रा नामक यक्षिणी सिद्धि होती है। प्राप्ति :--अजरामरत्व का वरदान देती है। विभ्रमा-मन्त्र :-ॐ ह्रीं भर भर स्वाहा । विधि --एक लाख जाप करे तथा तीन कोनो का यज्ञ कुण्ड बनाकर उसमे दुग्ध, घृत व शक्कर की चासनी से दशास हवन करे तो विभ्रमा नामक यक्षिणी सिद्ध होती है। प्राप्ति -साधक के स्त्री रूप मे रहती है तथा चितित अर्थ देती है। विशाला-मन्त्र : ऐं विशाले ह्रीं ह्रीं क्ली एहि एहि हां विभ्रम भुये स्वाहा । विधि --श्मसान मे दो लाख जाप करे । गुग्गल व घृत का दशास हवन करे । प्राप्ति - साधक के स्त्री के रूप मे रहे। ५०० व्यक्तियो तक का भोजन दे । साधक अन्य स्त्री के साथ सगम न करे। सुलोचना-मन्त्र :-ॐ लै लै सुलोचने सिद्ध देहि देहि स्वाहा । विधि .-पर्वत पर या नदी के किनारे तीन लाख जाप करे । घृत से दशास हवन करे, तो सुलोचना नामक यक्षिणी सिद्ध हो। प्राप्ति -आकाश गामिनी दो पादुकाये भेट करे । जिससे जहा चाहे जा सके। मदना-मन्त्र-ऐं मदने मदन बिटबिनी आत्मीय मम देहि २ श्री स्वाहा । विधि -राज द्वार पर एक लाल जाप करे तथा जाति पुप्प व दूध से दणास हवन करे तो मदना नामक यक्षिणी सिद्ध हो ।

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