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लघुविद्यानुवाद
यन्त्र न० १३६
उच्चारण निवार यत्र ॥१३६।।
२१ ।
यन्त्र न. १३७
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इस यन्त्र को ताबे के पत्रे पर खुदवा कर मकान की चारो दीवार मे लगा देवे, तो धन की प्राप्ति, उपद्रव की शाति होती है ।।१३७।।
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यन्त्र न. १३८
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श्री मरिण भद्र महा यन्त्र से यन्त्र न १०० का है। मरिणभद्र महाराजा का है। जो मनुष्य ये यन्त्र दीवाली के दिन छद्र तप कारी सुगन्धि द्रव्य मे रात में लिखे, जो चरणोटो का जड हो वहाँ जाकर यन्त्र को गाडे, फिर दूसरे दिन सुबह ब्राह्म मुहर्त मे निकाल लेना। मौनपूवक घर पाकर इस यन्त्र का हमेशा श्रद्धा से पूजन करे, तो उसके घर मे लोला लहेर और मगलाचार होता रह । अटूट लक्ष्मी का आवागमन होता है ।।१३८।।
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