Book Title: Kirti Kaumudi tatha Sukrut Sankirtan
Author(s): Someshwar Mahakavi, Arisinh Thakkur Kavi, 
Publisher: Singhi Jain Shastra Shiksha Pith Mumbai

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Page 100
________________ कीर्तिकौमुदी - सुकृतसंकीर्तन महाकाव्य योर्विशिष्टनामानुक्रमः । अच्छोद ( सरोवर ) की ० अजयदेव ( अजयपाल चौलुक्यनृप ) सु० अजयपाल ( चौलुक्यनृप ) की ० अणहिलपाटक ( गूर्जर राजधानी ) अणहिलपुर ( गूर्जर राजधानी ) अहिलपुरी ( गुर्जर राजधानी ) अनुपमा ( तेजःपालपत्नी ) अनूप (नृप ) अभिनन्द (कवि ) अभ्युदयसिंह (भट ) अमरपण्डित (कवि) सु० अमरसूरि ( नागेन्द्रगच्छीय ) अम्बा (रेवतशिखर) अरिसिंह (कवि ) सु० अर्कपालितक (ग्राम अर्णोराजे ( सपादलक्षनृप ) 29 ( चौलुक्य ) अर्बुद (पर्वत) अर्बुदाचल (पर्वत) अवलोकना ( रैवतकशिखर ) अभ्वराज ( मन्त्री, वस्तुपालपिता ) आनन्दसूरि (नागेन्द्र गच्छ्रीय ) आमशर्मा ( गूजर राजपुरोहित ) आहड ( चापोत्कटनृप ) इन्द्रमण्डप (स्थापत्य विशेष ) उज्जयन्त ( रैवतक) कच्छ (जनपद) कपर्दी (यक्ष ) कर्ण ( अङ्गराज ) ( कर्णदेव, चौलुक्यनृप ) कर्णदेव ( चौपटप ) Jain Education International सु० की ० सु० की ० སྦུ° की ० ४ की ० २५. ९९,१०४, १०७, ११०, ११४.११७, १२१, १२४, १२९, १३३, १३६ सु० १०८ सु० १३४ ९९, १०४, १०७, ११०, ११४,११७१२१, १२४, १२९, १३३, १३६ १३५ ८ सु० की ० सु० की ० सु० पृष्ठ सु० की ० ६ १०३ ९ ९६ ५ १३३ १४ १०३ ९ १३४ १३, १४, १५, २३, १०६ सु० सु० ९,१०४ १३५ १०८ ११ ९९ १३४ ३९,१३४,१३५ ७,१०० ३८, ११८, १३४ की ० की ० सु० ७ १०१ कादम्बरी ( गद्यकाव्य ) कान्यकुब्ज ( जनपद ) कालिका (देवी) कालिदास (कवि ) काशि ( काशीपुरी ) कासहद (ग्राम) कुङ्कुणेश ( कोङ्कणनृप ) गल्लक ( गच्छविशेष ) गाङ्गेय ( भीष्मपितामह ) की ० ५ सु० ११२ की ० ८ कुमार ( गूर्जर राजपुरोहित, सोमेश्वर देवपिता ) की ० ११ कुमारदेवी (वस्तुपालमाता ) १४, १०६ ८,१०२.१०४,१०६ कुमारपाल ( चौलुक्यनृप ) कुमार पुत्र ( सोमेश्वरदेव ) कुलसिंह ( भट कौङ्कण ( जनपद ) कौरवेश्वर ( दुर्योधन ) क्षेमराज ( चापोत्कटनृप ) खङ्गार ( सौराष्ट्रनृप ) गङ्गा (नदी) गजाह्वय ( हस्तिनापुर ) गुलकुल ( वंशविशेष ) गूर्जर ( गूर्जर देशवासी ) " की ० सु० सु० गुर्जरेश्वर ( गूर्जर देशस्वामी ) गोद्रह ( जनपद ) गौड ( गौडदेशाधिप ) चण्डप ( मन्त्री, प्राग्वाट ) चण्डप्रसाद (मन्त्री, चण्डपपुत्र ) चम्पा (नगरी) चाणक्य (कौटिल्य ) वाचिगदेव ( भट ) की ० की ० For Private & Personal Use Only सु० की सु० की ० की ० की ० ( जनपद ) सु० गुर्जरधराधिपराजधानी ( अणहिलपुर ) सु० की ० की ० की ० गूर्जरपुर (अणहिलपुर ) की० गूर्जरराज ( गुर्जरेश्वर, भीमदेव द्वि० ) की ० गूर्जरराज्यलक्ष्मी ( गूर्जर राज्याधिष्ठात्री देवी ) की० गूर्जरेन्द्र ( गूर्जर देशस्वामी ) की० १०० १०२ ३.४,१३३ की ० पृष्ठ ३ · १० २५ १०३ ५ ९८ ८ ५ ५ १११ २४ ११,१२ १३१ की ० ११ ११,१३ ५ १८ १० ११ ७ की ० की ० १३,३९,१०६,११७ १३,१०६ ५ की ० की ० १३१४, २५ की० २४ १९ . www.jainelibrary.org

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