Book Title: Khilti Kaliya Muskurate Ful
Author(s): Devendramuni
Publisher: Tarak Guru Jain Granthalay

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Page 9
________________ १० श्री तारक गुरु जैन ग्रन्थालय का महान् सौभाग्य है कि देवेन्द्र मुनिजी जैसे समर्थ साहित्यकार की लेखनी का मधुर प्रसाद उसे समय-समय पर मिलता रहा है और भविष्य में सदा मिलता रहेगा यही शुभाषा है । दि. १७-६-६७ को पालघर (महाराष्ट्र) में श्रद्ध ेय सद्गुरुवर्य राजस्थान केसरी प्रसिद्धवक्ता पं० प्रवर श्री पुष्कर मुनिजी महाराज ने पुनीत मुनि जी को दीक्षा दी, दि० २३-७-६७ को विरार में पुनीत मुनि जी की बड़ी दीक्षा हुई, उस दीक्षा के सुनहरे अवसर पर महाराष्ट्र के खाद्यमंत्री भाउसाहब वर्तक भी आये । उस समय दीक्षा के उपलक्ष में श्रीमान् धर्मप्र ेमी चुनीलाल जी भेरुलाल जी कसारा, श्रीमान् धर्मप्रेमी खेमराजजी नेमिचन्द जी दोलावत, श्रीमान् छोगालाल जी चमना जी माद्रचा ने क्रमशः ११००, ७०१, ६५१, दान में कहे । वे रु० उन्होंने पुस्तक प्रकाशन के लिए ग्रन्थालय के प्रकाशन विभाग को सप्रेम अर्पित दिये, एतदर्थ हम उनका हृदय से आभार मानते हैं । भविष्य में भी सदा सहयोग मिलता रहे यही अपेक्षा रखते हैं । 1 Jain Education International मंत्री शान्तिलाल जैन श्री तारक गुरु जैन ग्रन्थालय, पदराडा For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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