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प्रसन्नता है कि भगवान महावीर की अनंत कृपा से यह पुस्तक प्रकाशित हो रही है। इस के अध्ययन से सुधी पाठक वर्ग लाभान्वित होते हैं तो मुझे भी अपार आनंद मिलेगा। पूरा प्रयत्न करने पर भी त्रुटियाँ रह जाना संभव है। अत: सुझावें और संशोधनों का हम स्वागत करेंगे।
विनीत,
सदानंद अग्रवाल। कार्तिक पूर्णिमा, 1992 मेण्डा, जि.बलांगिर
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