Book Title: Kaudesh se Kundkund Author(s): Yogesh Jain Publisher: Mukti Comics View full book textPage 5
________________ for sharadley Beaurantsawak 'अरे! वहां कौन वृक्ष के. (नीचे नग्न बैठा है? कौण्डेश से कुन्दकुन्द सभी जीव भगवान हैं। स्वयं को पहचान 'कर लीन हो जायें तो (सभी सुखी होंगें, कोई दुखी न रहेगा। कोमल शरीर वाले ये धनवान लोग. नंगे पांव गर्मी सहते चले जा रहे हैं, कोई विशेष बात अवश्य है rer मुनिराज की जय हो । XHAMS 3 मुनिराज की जय हो । कौण्डेश उपदेश समझने की कोशिश करने लगा लेकिन मैं दुखी ग्वाला, भगवान हो सकता हूँ?Page Navigation
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