Book Title: Kaudesh se Kundkund
Author(s): Yogesh Jain
Publisher: Mukti Comics

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Page 12
________________ 10. मुक्ति कॉमिक्स एक दिन पदमनंदी बहुत रो रहा था परिवार के सभी लोगों ने हर प्रकार से उसे चूप करने का प्रयान किया, किन्तव्यर्थरहा. तभी मंदिर से लौटी सेठान ने गोद में लिया... शुद्धोऽसि बुद्धोऽसि निरंजनोऽसि संसारमाया परिवजितोऽसि lunna आश्चर्य ! मां के द्वारा लोरी) सुनाने से यह चुप क्यों हो जाता है? मैंने भी तो'सोजा बेटा साजा' कहकरचूपकरने की कोशिश की श्री भी यह रोता रहा।) हां बहन मैंने (भी सुनाने की कोशिश की थी। 6000 मेरा बेटा चुप क्यों होता ? वह तो जागृति के गीत ही सूनना चाहता है। .00 अवश्य ही इस प्रच्चे में कोई असाधारणबात Cam MA

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