Book Title: Kaudesh se Kundkund
Author(s): Yogesh Jain
Publisher: Mukti Comics

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Page 10
________________ मुक्ति कॉमिक्स त पहला- तुमने ताड़पन के रूप में शास्रा को सुरक्षित कर के.हजारों वर्षों तक के लिए अपना यश सुरक्षित किया है। और तुमने योग्य व्यक्ति को देकर जिनवाणी का प्रचार-प्रसार किया है।) और दूसरा ? (इससे क्या होगा 'तुमने शास्त्रदान देकर सर्वज्ञ की वाणी को आगे वाया है। इससे भविष्य में सहारे नाम की गौरवपूर्ण परपराकोजी तुम युगपुरुष' बनोगे। तभी से कौण्डेश का जीवन बदल गय) वह गायों पर और दयालु हो गया। जब सभी भगवान है,तो किस भूलसे यह गाय और में ग्वाला बना? अच्छा ! मैंने यह नहीं सोचा एक दिन नदी में फीचड में फंसी गाय को देखकर कैडेश गाय को बचाने भागा परन्न से टकराकर--- आह| अब तो प्राणान्त तय है, अत: आहारजलका त्याग कर समाधि लेता हूं MUCHARIWAMICALORAGRA

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