Book Title: Kaudesh se Kundkund
Author(s): Yogesh Jain
Publisher: Mukti Comics

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Page 28
________________ 26 मुक्ति कॉमिक्स कुन्दकुन्द के महाविदेट में पहुँचने पर ५०० धनुष ऊँचे मनुष्य आश्चर्य से पूछते हैं--- भगवनाये छोटे शरीरवाले) /ये भरतक्षेत्र के महातपस्वी मुनिराज कौन है? श्रुतज्ञानी मुनिनाथकुंदकुंद है। CICIONAL आठ दिन रहकर जिनवाणी के मर्म का सूक्ष्मज्ञान प्राप्तकर कुंद कुंद भरत क्षेत्र लॉटे धन्यभाग हमारे |जो आज हमें साक्षात् तीर्थकर की दिव्यवाणी सुनकर लोटे आचार्य कुन्दकून्द का प्रवचन सुनने का अवसर मिला है। (आचार्यश्री! धर्म क्या है? आचार्य कून्द कून्द भक्तजन कीरचारित्रही वास्तविक धर्म है। समस्यासनकर पास में ही बैठ) (धर्म से हीसमताभाव कोर गये.. उत्पति होती है। (परन्नु मुझमें इतनी (सामय कहाँ ? SIA

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