Book Title: Kaudesh se Kundkund
Author(s): Yogesh Jain
Publisher: Mukti Comics

View full book text
Previous | Next

Page 17
________________ L कौण्डेश से कुन्दकुन्द क्यातुम अबतक सो रहे हो, अरे। अवता जागने का समय है भैया। तिम साफ साफ बात क्योंरातो सुनो.संकट तो अब जाने नहीं कहते १च्या बात है। वाला है,क्यों कि आचार्यश्रेष्ठ CM जिनचंद्र को नगर के समीप) जंगल में देखा गया है। जागा N T सुनो धुवेश! आज या हो रहा है नुम शासब को ? सुबह ही अरे नहीं मालम? कल शाम वयोवृद्धांचार्य श्री जिनचन्द्र जी का नगर के (पासजगल में देखा गया है। कहां.. (मां ! जान्दी उठो, देखो उठ रही हूँ बेटे पद्म!) (आज सूर्य का उदय | परंतु तुम्हें क्या हुआ? हमा है। सूयेदिय तो रोज ही होता है,नया क्या है? AUTALIIIIIM

Loading...

Page Navigation
1 ... 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32