Book Title: Kaudesh se Kundkund
Author(s): Yogesh Jain
Publisher: Mukti Comics

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Page 16
________________ मुक्ति कामिक्स आज सोयेंगी नहींपन्या प्रिये। दिन-रात पुस्तकार में ही खोई रहती है। कुछ देर और पद । सुबह पदमको पानाह IATI WAGOES hd MHIT ANERG Opp माँ बनना सरल है। मां का कर्तव्य निभाना, बङ्कत कहिन है। | शीप्य ही पदम के लिए योग्य, विहान शिक्षक की व्यवस्था करनी चाहिए, जिससे वह भी विहान बनकर सूर्य के समान प्रकार -वान बने। YOO एक दिन प्रात:काल से ही कौण्डकुन्देपुर में बहुत टलचल था लोग प्रसनथेवे आपस में कुछ बात करते,और जंगल की ओर बढ़ जाता अरे भाई सुबह-सुबह कटा भागे चले जा रहे है क्या) कोई संकट आ गया?) barcand acela

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