Book Title: Kalpasutra Kalpalati Tika
Author(s): Bhadrabahuswami, Samaysundar Gani,
Publisher: Jinduttasuri Gyanbhandar
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कल्पसूत्रं कल्पलता व्या० ९
॥२८१ ॥
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मपि पर्युषणाकल्पः रत्नपरीक्षा - गजशिक्षादिवत् स च श्रीदशाश्रुतस्कन्धादिसिद्धान्तस्य अध्ययनं अष्टमं समाप्तं समर्थितं इति ॥
* ॥ इति सामाचारीव्याख्यानम् ॥ 8%
व्याख्यानं कल्पसूत्रस्य नवमं सुगमं स्फुटम् । शिष्यार्थं पाठकाश्चक्रुः श्रीमत्समय सुन्दराः ॥ १ ॥
इति श्रीकल्पसूत्रस्य नवमं व्याख्यानं श्रीसमयसुन्दरोपाध्यायविरचितं सम्पूर्णम् ॥
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पर्युषणा
कल्प
समाप्तिः
॥ २८१ ॥

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