Book Title: Jiravala Parshwanath Tirth Ka Itihas
Author(s): Bhushan Shah
Publisher: Mission Jainatva Jagaran

View full book text
Previous | Next

Page 4
________________ "ग्रंथ समर्पणम्" आपश्री के परमसान्निध्य ने मुझे जीरावला दादा से जुड़ने का अवसर दिया.... आपश्री के परमसान्निध्य ने मुझे नई राह दिखाई.... आपश्री के परमसान्निध्य में मुझे चौथे आरे का एहसास हुआ... ऐसे मेरे परमोपकारी प.पू. दीक्षा दानेश्वरी आ. भ. गुणरत्नसूरिजी महाराजा प.पू. अप्रमत्तयोगी आ. भ. पुण्यरत्नसूरिजी महाराजा प. पू. प्रवचन प्रभावक आ. भ. यशोरत्नसूरिजी महाराजा प.पू. युवाहृदय सम्राट आ. भ. रश्मिरत्नसूरिजी महाराजा आपश्री के करकमलों में प्रस्तुत ग्रंथ (( सादर समर्पितम्।। भूषण शाह

Loading...

Page Navigation
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 ... 64