Book Title: Jiravala Parshwanath Tirth Ka Itihas Author(s): Bhushan Shah Publisher: Mission Jainatva Jagaran View full book textPage 2
________________ 1000 000 000 000 1000 000 000 00 YOOO OOO 1000%A OD श्री जीरावला पार्श्वनाथ भगवान श्री जीरावला पार्श्वनाथ दादा की स्तुति जे जीर्ण करता अशुभ भावो क्षणमही सहु भव्य नां सहु सुरिवरो जस ध्यान थी इच्छित कार्यो साधता ने प्रतिष्ठादिक कार्य जेना नाम मंत्र थी सिद्धता जीरावला प्रभु पार्श्व के भावे करुं हुं वंढला....Page Navigation
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