Book Title: Jiravala Parshwanath Tirth Ka Itihas
Author(s): Bhushan Shah
Publisher: Mission Jainatva Jagaran

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Page 32
________________ जगजयवंत जीवावला प्राचीन उल्लेखों के आधार पर पता लगता है कि इस मंदिर की दीवारों पर दुर्लभ भित्ति चित्र थे। किन्तु समय समय पर नये रंग रोगन के काम के कारण, कहीं संगमरमर चढ़ाने के कारण, कहीं घिसाई के कारण और कहीं सफेदी के कारण हमारी यह ऐतिहासिक धरोहर काल कवलित हो गयी है। ऐसे ही जीर्णोद्धार के समय शिलालेख इत्यादि चीजों पर ध्यान न देने के कारण कई प्राचीन धरोहरें नाश हो गई हैं। इतिहास से हमें पता लगता है कि हमने क्या पाया और क्या खोया... हम तो कहते हैं की इतिहास के नाश के द्वारा हमने तीर्थ की प्राचीनता को खोया है। हमारा कर्त्तव्य बनता है कि जीर्णोद्धार के समय ध्यान रखा जाय कि तीर्थ की प्राचीनता नष्ट न हो जाय। उसके ऐतिहासिक अवशेषों को सुरक्षित रखा जाये। 30

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