Book Title: Jinrajsuri Krut Kusumanjali
Author(s): Agarchand Nahta
Publisher: Sadul Rajasthani Research Institute Bikaner

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Page 13
________________ १८. श्री अरनाथ जिनगीतम ५ आराधउ परनाथ अहानिसि १२ १९. श्री मल्लि जिन गीतम् ५ दास अरदास सी परि करइ जी १३. २०. श्रीमुनिसुव्रत जिन गीतम् ५ अधिका ताहरा हुता अपराधी १४ २१, श्री नमिनाथ जिनगीतम् ५ सई मुख हूँ तुम्हनइ न मिली १४ २२. श्री नेमिनाथ जिनगीतम् ५ साँभलि रे सामलीला सामो १५ २३. श्री पार्श्वनाथ जिन गीतम् ५ मन गमतउ साहिब मिल्यउ १६ २४. श्री वीर जिन गीतम् ५ भविक कमल प्रतिबोधतउ ६६ २५. कलश ५ इणपरि भाव भगति मन आरणी १७ श्री बिरहमान विंशति जिन गीतम् २६. श्री सीमंघर जिनगीतम् ५ मुझ हियड़उ हेजालुयउ २७. श्री युगमन्धर जिन गीतम् ५ सइ मुख हुँ न सकू कही १८ २८. श्री बाहु जिन गीतम् ५ बांह समापउ वाह जी १९ २६. श्री सुबाहु जिनगीतम् ६ सामि सुवाहु जिरिंगद नउ १६ ३०. श्री सुजात जिनगीतम् ५ तूंगति तूमति तूसाचउ धरणी २० ११. श्री स्वयप्रभ जिनगीतम् ५ सामि स्वयं प्रभू साँभलउ २१ ३२, श्री ऋषभानन जिन ___ गीतम् ६ मई उ ते जाण्यउ नही साहिव २१ ३३. श्री अनतवीर्य जिन गोतम ५ मनंतवीरिज मइ ताहरउ २२ ३५. श्री विशाल जिन गीतम् ५ श्रापरणपइ हूँ प्रावी न सकू २२ ३५, मी सूरप्रम जिन गीतम, ५ कीजइ छइ जेहना सहू जी २३ (आ)

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