Book Title: Jindutta Charit
Author(s): Rajsinh Kavivar, Mataprasad Gupta, Kasturchand Kasliwal
Publisher: Gendilal Shah Jaipur

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Page 4
________________ साहित्य शोध विभाग द्वारा खोज एवं प्रकाशन का कार्य तेजी से चल Jain Granth Bhandars in Rajasthan रहा है और शीघ्र ही 'राजस्थानी जैन सन्तों की साहित्य साधना' पुस्तकें प्रकाशित होने वाली हैं। राजस्थान के जैन शास्त्र भण्डारों को ग्रंथ सूची का पांचवा माग भी शीघ्र ही तैयार होकर सामने आने वाला है। इसमें २० हजार से अधिक ग्रंथों का परिचय रहेगा। इस तरह और भी पुस्तकें प्रकाशित होने वाली हैं। साहित्य शोध विभाग को एक पंचवर्षीय योजना मी क्षेत्र कमेटी के विचाराधीन है । तथा खोज एवं प्रकाशन के कार्य को और भी अधिक गतिशील बनाने का प्रयास जारी है। अभी कुछ समय पूर्व भारतीय ज्ञानपीठ के व्यवस्थापक डा० गोकलचंद जी जैन जब जयपुर श्राये थे तब उन्होंने इस सम्बन्ध में कुछ सुभाव मी दिये थे । श्राशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि श्रागामी कुछ ही वर्षों में प्राचीन साहित्य की खोज एवं प्रकाशन तथा अर्वाचीन साहित्य के निर्माण की दिशा में हम पर्याप्त प्रगति कर सकेंगे । महावीर भवन १-१२-६५ ख AL "" दलाल साह एडवोकेट अजनिक मंत्री

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