Book Title: Jeevandhar Swami
Author(s): Dharmchand Shastri
Publisher: Acharya Dharmshrut Granthmala

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Page 19
________________ तपस्वी - आश्रम में.... Mantle 4 Cadets Cable 랄 तुम लोग कौन हो ? कहां से आए हो ? ヘッ Mengat 2200 श्री जीवंधर स्वामी nil MOMANTIC हे माता। हम राजपुरी से आए हैं। हम जीवंधर कुमार के सेवक हैं। हमारे दुष्ट राजा काष्ठागार में तो "जीवंधर कुमार को मारने के लिए... 11 यह सुनते ही वह माता मूर्च्छित हो गयीं। फिर हमसे यह सुनकर कि जीवंधर कुमार जीवित है.. वह माता चेतना में आ गयी और विलाप करने लगीं 1 फिर उस माता से आपका चरित्र सुनकर हमें विश्वास हो गया कि आपको अपना 17 राज्य अवश्य मिल जाएगा। इसका अर्थ है कि मेरी माता जीवित हैं। मैं भी कैसा अभागा कि उन्हें मृत समझ 'कर मैंने उनकी खोज तक न की । हे मां तुम कहाँ हो ? ! Ganya 592512 अब जीवधर कुमार माता के दर्शन शीघ्रातिशीघ्र करने के लिए व्याकुल हो उठे। हे कनकमाला, कितने हर्ष का विषय है कि जिस माता को मैंने जन्म को ही नहीं देखा, वह जीवित है। मैं उनके दर्शन करने जा रहा हूं। मैं इसी क्षण प्रस्थान कर रहा हूं। आप माता के दर्शनों के लिए अवश्य जाएं महाराज ।

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