Book Title: Janak Nandini Sita
Author(s): 
Publisher: Acharya Dharmshrut Granthmala

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Page 3
________________ विदेहराज महाराज जनक जिनकी महारानी विदेहा के जब गर्भ रहा तो एक देव के अभिलाषा हई कि क ....... जनकनन्दनीसीता अगर इनके बालक हुआ तो मैं ले जाऊं समय पाकर महारानी विदेहा के पुत्र और पुत्री युगल का जन्म रात्रि के समय चन्द्रगति नामके विद्याधर ने आभूषणो से हुआ। तो उस देव ने पुत्र का हरण कर लिया। बालक को प्रकाशमान बालक को देखा। वह हर्षित होकर बालक को आभूषण, कुण्डल पहनाये परण लब्धी नामक विद्याधर ने उसे उठा लाया। अपनी रानी पुष्पवती के गोद में रख दिया आकाश और पृथ्वी के बीच ठहराया और अपने धाम गया । और कहा तुम्हारे बालक हुआ है। 0000 0000000WC चित्रांकन - बनेसिंह मो. : 9460634278 जैन चित्रकथा

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