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मडाहडागच्छ
११६७ अन्य साक्ष्यों से कोई जानकारी नहीं मिलती। (जय) देवसूरि, पूर्णचन्द्रसूरि और हरिभद्रसूरि का नाम अभिलेखीय साक्ष्यों में भी मिलता है परन्तु उनके बीच गुरु-शिष्य सम्बन्धों का ज्ञान उक्त नामावली से ही हो पाता है। इस दृष्टि से यह महत्त्वपूर्ण मानी जा सकती है।
चक्रेश्वरसूरि
धर्मदेवसूरि
(जय) देवसूरि पूर्णचन्द्रसूरि हरिभद्रसूरि
कमलप्रभसूरि
[वि० सं० १५२० में सिरोही के अजितनाथ जिनालय में प्रतिमा प्रतिष्ठापक]
गुणकीर्तिसूरि कालिकाचार्यकथा
की प्रशस्ति [वि० सं० १४६१-७६
में उल्लिखित]
धनकीर्तिसूरि [वि० सं० १५२० के
प्रतिमालेख में प्रतिमाप्रतिष्ठापक कमलप्रभसूरि के साथ उल्लिखित]
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