Book Title: Jain Shwetambar Conference Herald 1905 Book 01
Author(s): Gulabchand Dhadda
Publisher: Jain Shwetambar Conference

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Page 424
________________ ३८८ जैन कॉन्फरन्स हरेल्ड. [डिसेंबर If the Jain Conference will be kind enough to favour my suggestion with their consideration they will find that an expense of a few thousand rupees will be required for retaining a couple of Hindu Servants on each steamer carrying Hindu passenges and renting a small Kitchen for Hindu arrangements. In many cases the passengers themselves or their relatives would be ready to incur extra expense towards defraying this cost if all the vegetarian leaders have the zeal and the energy to work in this direction. MANILAL MAGANLAL M. A. L.L. B. Shyamji's India House, London. ADEN 18-10-05 मिस्टर गुलाबचन्दजी ढहाका प्रयास. कन्याविक्रय और मन्दिरोंकी सेवा पूजाके इन्तजामके बाबत मिस्टर ढढाने नीचे मुजिब प्रयास करके हरगांवके पंच महाजनोंसे उनके दस्तखती दस्तावेज हांसल की है: १. कस्वा शोडा....तारीख २० सितम्बर सन १९०५ शुभ सम्वत १९६२ मिति आसोज सुदि ६ बुधवार मुताबिक तारीख २० सितम्बर सन १९०५ कस्बा शोडा तहसील व निजामत मालपुराके पंच महाजन सरावगी, औसवाल, अगरवाला, महेश्री इकटे होकर यह विचारा कि कन्याविक्रय शास्त्रके विरुद्ध है और कन्याका पैसा लेनेसे लेनेवालेको कुछ फल प्राप्त नहीं होता बल्कि उसका जियादा बुरा हाल होजाताहै और लौकिकमेंभी यह बात निंदनीय है इसलिये हम सब पंच महाजनोंने आजसे आयंदा श्रीजीको हाजर नाजर समजकर अपने धर्म ईमानके साथ यह प्रतिज्ञा करते हैं कि आज पहिले तो कन्याका किसीने कुछ लियाहो या न लियाहो लेकिन आजसे आयंदा कन्याका एक पैसाभी घर में नहीं लेवेंगे बल्कि अपनी शक्ती साडू दाम खर्चकर कन्याकी शादी कर देवेंगे अगर कोई शख्स किसी वक्त मन बिगाडकर इस प्रतिज्ञाके खिलाफ कन्याका पैसा लेलेगा तो उसका न्याति और पञ्चायति व्यवहार चारों तन्होंसे बंद किया जावेगा और वह पञ्चायति के बाहिर समझा जावेगा क्योंकि इसतरहसे पैसा लेने वालेका सत्यानाश जाता रहताहै. अलबता जिस पंचायतमें जो दस्तूर पंचायति खर्च, नेग, ध्वजा वगरहका कदीमसे चला आता है और वह नेग बीरादरीके पंच दुकठे होकर. चुकति है वह अभी बदस्तूर जारी रहेगा 'लेकिन कन्याके निमित्त कोई पैसा नहीं लिया जावेगा. अगर किसी बीरादरीमें किसी शख्सकी हालत एसी नहीं होवकि जो कन्याके शादीके वक्त ज्योनार करके पंचायतिको जिमासके तो उसके ज्योनार करनेकी कोई जरूरत नहीं है. न हम लोग उसको किसी तरहका मोसा या ढूंचणा मारेंगे और अपने घरकी रोटी खाकर

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