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पद्म
अश्व
गज
परिशिष्ट-३
महाविद्या-मूर्तिविज्ञान-तालिका सं० महाविद्या वाहन भुजा-सं०
आयुष १ रोहिणी-(क) श्वे० गाय
चार शर, चाप, शंख, अक्षमाला (ख) दि०
चार शंख (या शूल), पद्म, फल, कलश (या वरदमुद्रा) २ प्रज्ञप्ति-(क) श्वे० मयूर
वरदमुद्रा, शक्ति, मातुलिंग, शक्ति (निर्वाणलिका);
त्रिशूल, दण्ड, अभयमुद्रा, फल (मन्त्राधिराजकल्प) (ख) दि०
चार
चक्र, खड्ग, शंख, वरदमुद्रा ३ वज्रशृंखला-(क) श्वे० पद्म
चार वरदमुद्रा, दो हाथों में शृंखला, पद्म (या गदा) (ख) दि० पद्म (या गज) चार शृंखला, शंख, पद्म, फल ४ वजांकुशा-(क) श्वे० ।
चार वरदमुद्रा, वन, फल, अंकुश (निर्वाणकलिका);
खड्ग, वज्र, खेटक, शूल (आचारदिनकर); फल,
अक्षमाला, अंकुश, त्रिशूल (मन्त्राधिराजकल्प) (ख) दि० | पुष्पयान (या गज) | चार
अंकुश, पद्म, फल, वज ५ अप्रतिचक्रा या चक्रेश्वरी-श्वे० गरुड
चारों हाथों में चक्र प्रदर्शित होगा जांबूनदा-दि०
चार
खड्ग, शूल, पद्म, फल ६ नरदत्ता (या पुरुषदत्ता)
(क) श्वे० | महिष (या पद्म) | चार वरदमुद्रा (या अभयमुद्रा), खड्ग, खेटक, फल (ख) दि.
| चक्रवाक (कलहंस) चार वज्र, पद्म, शंख, फल ७ काली या कालिका(क) श्वे०
अक्षमाला, गदा, वज, अभयमुद्रा (निर्वाणकलिका);
त्रिशूल, अक्षमाला, वरदमुद्रा, गदा (मन्त्राधिराजकल्प) (ख) दि०
चार मुसल, खड्ग, पद्म, फल ८ महाकाली-(क) श्वे० मानव
चार वज्र (या पद्म), फल (या अभयमुद्रा), घण्टा,
अक्षमाला शरभ (अष्टापदपशु) | चार शर, कामुक, असि, फल ९ गौरी-(क) श्वे० गोधा (या वृषम) चार वरदमुद्रा, मुसल (या दण्ड), अक्षमाला, पद्म (ख) दि० . गोधा
हाथों की सं०] भुजाओं में केवल पद्म के प्रदर्शन का निर्देश है।
का अनुल्लेख १० गान्धारी-(क) श्वे० पद्म
चार वज (या त्रिशूल), मुसल (या दण्ड), अभयमुद्रा,
वरदमुद्रा (ख) दि० । फर्म कूम । चार
हाथों में केवल चक्र और खड्ग का उल्लेख है।
चार
मयूर
| पद्म
चार
मृग
(ख) दि.
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