Book Title: Jain Pratimavigyan
Author(s): Maruti Nandan Prasad Tiwari
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi
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[अन प्रतिमाविमान (४) 'फर्दर जैन इन्स्क्रिप्शन्स फाम मथुरा', एपि०इण्डि०, खं० २ (कलकत्ता, १८९४), दिल्ली, १९७०
. (पु० मु०), पृ० १९५-२१२ (५) 'स्पेसिमेन्स ऑव जैन स्कल्पचर्स फाम मथुरा', एपि०इण्डि०, खं० २ (कलकत्ता, १८९४), दिल्ली, १९७०
(पु० मु०), पृ० ३११-२३
(६) आन दि इण्डियन सेक्ट ऑव दि जैनज, लन्दन, १९०३ ब्लाक, टी०,
सप्लेमेष्ट्री केटलाग ऑव दि आकिअलाजिकल सेक्शन ऑव दि इण्डियन म्यूजियम, कलकत्ता, १९११ भट्टाचार्य, ए० के०,
(१) 'सिम्बालिजम ऐण्ड इमेज वरशिप इन जैनिजम', जैन एण्टि०, खं० १५, अं० १, जून १९४९, पृ०१-६ (२) 'आइकानोग्राफी ऑव सम माइनर डीटीज इन जैनिजम', ई०हि०क्वा०, खं० २९, अं० ४, दिसम्बर
१९५३, पृ० ३३२-३९ (३) 'जैन आइकानोग्राफी', आचार्य भिक्षु स्मृति ग्रंथ (सं० सतकारि मुखर्जी आदि), कलकत्ता, १९६१,
पृ० १९१-२०० भट्टाचार्य, बी०,
'जैन आइकानोग्राफी', जैनाचार्य श्री आत्मानन्द जन्म शताब्दी स्मारक ग्रंथ (सं० मोहनलाल दलीचन्द देसाई),
बंबई, १९३६, पृ० ११४-२१ भट्टाचार्य, बी० सी०,
दि जैन आइकानोग्राफी, लाहौर, १९३९ भट्टाचार्य, बेनायतोश,
दि इण्डियन बुद्धिस्ट आइकानोग्राफी, कलकत्ता, १९६८ भट्टाचार्य, यु० सी०,
___'गोमुख यक्ष', ज०यू०पी०हिसो, खं० ५, भाग २ (न्यू सिरीज), १९५७, पृ०८-९ भण्डारकर, डी० आर०,
(१) 'जैन आइकानोग्राफी', आ०स०ई०ए०रि, १९०५-०६, कलकत्ता, १९०८, पृ० १४१-४९ (२) 'जन आइकानोग्राफी-समवसरण', इण्डि ०एण्टि०, खं० ४०, मई १९११, पृ० १२५-३०
(३) 'दि टेम्पल्स ऑव ओसिया', आ०स०ई०ए०रि०, १९०८-०९, कलकत्ता, १९१२, पृ० १००-१५ मजमूदार, एम० आर०,
(१) कल्चरल हिस्ट्री ऑव गुजरात, बंबई, १९६५ (२) 'ट्रीटमेण्ट ऑव गाडेस इन जैन ऐण्ड ब्राह्मनिकल पिक्टोरियल आर्ट', जैनयुग, दिसंबर १९५८,
पृ० २२-२९
(३) क्रोनोलाजी ऑव गुजरात : हिस्टारिकल ऐण्ड कल्चरल, भाग १, बड़ौदा, १९६० मजूमदार, आर० सी०,
'जैनिजम इन ऐन्शण्ट बंगाल', म००वि०गो०जु०वा०, बंबई, १९६८, पृ० १३०-३८
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