Book Title: Jain Pratimavigyan
Author(s): Maruti Nandan Prasad Tiwari
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi

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Page 303
________________ सन्दर्भ-सूची ] २८५ शर्मा, आर० सी०, (१) 'दि अर्ली फेज ऑव जैन आइकानोग्राफी', जैन एण्टि०, खं० २३, अं० २, जुलाई १९६५, पृ० ३२-३८ (२) 'जैन स्कल्पचर्स ऑव दि गुप्त एज इन दि स्टेट म्यूजियम, लखनऊ', मजे०वि०गो जुवा०, बंबई, १९६८, पृ० १४३-५५ (३) 'आर्ट डेटा इन रायपसेणिय', सं०पु०५०, अं० ९, जून १९७२, पृ० ३८-४४ शर्मा, दशरथ, (१) अर्ली चौहान डाइनेस्टिज, दिल्ली, १९५९ (२) राजस्थान थ दि एजेज, खं० १, बीकानेर, १९६६ शर्मा, बृजनारायण, सोशल लाईफ इन नार्दर्न इण्डिया, दिल्ली, १९६६ शर्मा, ब्रजेन्द्रनाथ, (१) 'तीर्थंकर सुपाश्वनाथ की प्रस्तर प्रतिमा', अनेकान्त, वर्ष १८, अं० ४, अक्तूबर १९६५, पृ० १५७ (२) 'अन्पब्लिश्ड जैन ब्रोन्जेज इन दि नेशनल म्यूजियम', ज०ओ०ई०, खं० १९, अं० ३, मार्च १९७०, पृ० २७५-७८ (३) सोशल ऐण्ड कल्चरल हिस्ट्री आव नार्दर्न इण्डिया, दिल्ली १९७२ (४) जैन प्रतिमाएं, दिल्ली, १९७९ शास्त्री, अजय मित्र, (१) इण्डिया ऐज सीन इन दि बृहत्संहिता ऑव वराहमिहिर, दिल्ली, १९६९ (२) 'त्रिपुरी का जैन पुरातत्व', जैन मिलन, वर्ष १२, अं० २, दिसंबर १९७०, पृ० ६९-७२ (३) त्रिपुरी, भोपाल, १९७१ शास्त्री, परमानन्द जैन, 'मध्यभारत का जैन पुरातत्व', अनेकान्त, वर्ष १९, अं० १-२, अप्रैल-जून १९६६, पृ० ५४-६९ शास्त्री, हीरानन्द, 'सम रिसेन्टलि ऐडेड स्कल्पचसं इन दि प्राविन्शियल म्यूजियम, लखनऊ', मे०आ०स०ई०, अं०११, कलकत्ता, १९२२, पृ० १-१५ शाह, सी० जे०, जैनिजम इन नार्थ इण्डिया : ८०० बी० सी० ए० डी० ५२६, लन्दन, १९३२ शाह, यू० पी०, (१) 'आइकानोग्राफी ऑव दि जैन गाडेस अम्बिका', जव्यू०बां०, खं० ९, १९४०-४१, पृ० १४७-६९ (२) 'आइकानोग्राफी ऑव दि जैन गाडेस सरस्वती', ज०यू०बां०, खं० १० (न्यू सिरीज), सितम्बर १९४१, पृ० १९५-२१८ (३) 'जैन स्कल्पचसं इन दि बड़ोदा म्यूजियम', बुबम्यू०, खं० १, माग २, फरवरी-जुलाई १९४, पृ० २७-३० Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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