Book Title: Jain Pratimavigyan
Author(s): Maruti Nandan Prasad Tiwari
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi

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Page 369
________________ लेखक-परिचय डा० मारुतिनन्दन प्रसाद तिवारी काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के कला-इतिहास विभाग में व्याख्याता हैं। आपने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से ही प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्व विषय में स्नातकोत्तर और डॉक्टर ऑव फ़िलॉसफ़ी की उपाधियाँ प्राप्त की है। जैन प्रतिमाविज्ञान के अध्ययन के क्षेत्र में आपका योगदान प्रशंसनीय है। डा० तिवारी के जैन प्रतिमाविज्ञान विषयक और भारतीय कला के कुछ अन्य पक्षों से संबंधित ५० से अधिक शोध-पत्र भारत और विदेश की अनेक शोध-पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं। वर्तमान में आप विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, नई दिल्ली और भारतीय अनुसन्धान परिषद्, नई दिल्ली द्वारा प्राप्त आर्थिक अनुदानों के अन्तर्गत दो स्वतंत्र रिसर्च प्राजेक्ट्स पर कार्य कर रहे हैं। Jain Education international For Private & Personal use only

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