Book Title: Jain Pratimavigyan
Author(s): Maruti Nandan Prasad Tiwari
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi

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Page 299
________________ सन्दर्भ सूची ] २८१ बनर्जी-शास्त्री, ए., 'मौर्यन स्कल्पचर्स फ्राम लोहानीपुर, पटना', ज०बि० उ०रि०सो०, खं० २६, भाग २, जून १९४०, पृ० १२०-२४ बर्जेस, जे०, 'दिगंबर जैन आइकानोग्राफी', इण्डि०एण्टि०, खं० ३२, १९०३, पृ० ४५९-६४ बाजपेयी, के० डो०, (१) 'जैन इमेज ऑव सरस्वती इन दि लखनऊ म्यूजियम', जैन एण्टि, खं० ११, अं० २, जनवरी १९४६, पृ० १-४ (२) 'न्यू जैन इमेजेज इन दि मथुरा म्यूजियम', जैन एण्टि, खं० १३, अं० २, जनवरी १९४८, पृ० १०-११ (३) 'सम न्यू मथुरा फाइन्ड्स', ज०यू०पी०हि०सो०, खं० २१, भाग १-२, १९४८, पृ० ११७-३० (४) 'पाश्वनाथ किले के जैन अवशेष', चन्दाबाई अभिनन्दन ग्रन्थ (सं० श्रीमती सुशीला सुल्तान सिंह जैन __ आदि), आरा, १९५४, पृ० ३८८-८९ (५) 'मध्यप्रदेश की प्राचीन जैन कला', अनेकान्त, वर्ष १७, अं० ३, अगस्त १९६४, पृ० ९८-९९; वर्ष २८, १९७५, पृ० ११५-१६ बाल सुब्रह्मण्यम, एस० आर० तथा राजू०, वो० वी०, 'जैन वेस्टिजेज़ इन दि पुडुकोट्टा स्टेट', क्वा०ज०म०स्टे०, खं० २४, अं० ३, जनवरी १९३४, पृ० २११-१५ बैरेट, डगलस, (१) 'ए ग्रुप ऑव ब्रोन्जेज़ फाम दि डॅकन', ललित कला, अं० ३-४, १९५६-५७, पृ० ३९-४५ (२) 'ए जैन ब्रोन्ज फ्राम दि डंकन', ओ०आर्ट, खं० ५, अं० १ (न्यू सिरीज), १९५९, पृ० १६२-६५ ब्राउन, डब्ल्यू० एन०, ए डेस्क्रिप्टिव ऐण्ड इलस्ट्रेटेड केटलाग ऑव मिनियेचर पेण्टिग्स आँव दि जैन कल्पसूत्र, वाशिंगटन, १९३४ ब्राउन, पर्सी, इण्डियन आर्किटेक्चर (बुद्धिस्ट ऐण्ड हिन्दू पिरियड्स), बंबई, १९७१ (पु० मु०) ब्रुन, क्लाज, (१) "दि फिगर ऑव दि टू लोअर रिलिफ्स आन दि पार्श्वनाथ टेम्पल ऐट खजुराहो', आचार्य श्रीविजयवल्लभ सूरि स्मारक ग्रन्थ (सं० मोतीचन्द्र आदि), बंबई, १९५६, पृ० ७-३५ (२) 'आइकानोग्राफी ऑव दि लास्ट तीर्थंकर महावीर', जैनयुग, वर्ष १, अप्रैल १९५८, पृ० ३६-३७ (३) 'जैन तीर्थज इन मध्य देश : दुदही', जैनयुग, वर्ष १, नवम्बर १९५८, पृ० २९-३३ (४) 'जैन तीर्थज इन मध्य देश : चांदपुर', जैनयुग, वर्ष २, अप्रैल १९५९, पृ० ६७-७० (५) दि जिन इमेजेज ऑव देवगढ़, लिडेन, १९६९ ब्यूहलर, जी०, (१) 'दि दिगंबर जैनज', इण्डि ०एण्टि०, खं० ७, १८७८, पृ० २८-२९ । (२) 'न्यू जैन इन्स्क्रिप्यन्स फाम मथुरा', एपि०इण्डि ०, खं० १, कलकत्ता, १८९२, पृ० ३७१-९३ (३) 'फर्दर जैन इन्स्क्रिप्शन्स फ्राम मथुरा', एपि०इण्डि०, खं० १, कलकत्ता, १८९२, पृ० ३९३-९७ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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