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सन्दर्भ-सूची ]
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(३) 'खजुराहो के पार्श्वनाथ मन्दिर की रथिकाओं में जैन देवियां', अनेकान्त, वर्षं २४, अं० ४, अक्तूबर १९७१, पृ० १८३-८४
(४) 'खजुराहो के आदिनाथ मन्दिर के प्रवेश द्वार की मूर्तियां', अनेकान्त, वर्ष २४, अं० ५, दिसंबर १९७१, पृ० २१८-२१
(५) 'खजुराहो के जैन मन्दिरों के डोर-लिटल्स पर उत्कीर्ण जैन देवियां', अनेकान्त, वर्ष २४, अं० ६, फरवरी १९७२, पृ० २५१-५४
(६) 'उत्तर भारत में जैन यक्षी चक्रेश्वरी की मूर्तिगत अवतारणा', अनेकान्त, वर्ष २५, अं० १, मार्चअप्रैल १९७२, पृ० ३५-४०
(७) 'कुम्भारिया के सम्भवनाथ मन्दिर की जैन देवियां', अनेकान्त, वर्ष २५, अं० ३, जुलाई-अगस्त १९७२, पृ० १०१-०३
(८) 'चन्द्रावती का जैन पुरातत्व', अनेकान्त, वर्ष २५, अं० ४, सितंबर-अक्तूबर १९७२, पृ० १४५-४७ (९) 'रिप्रेजेन्टेशन ऑव सरस्वती इन जैन स्कल्पचसं ऑव खजुराहो', ज०गु०रि०सी०, खं० ३४, अं० ४, अक्तूबर १९७२, पृ० ३०७ - १२
(१०) 'ए ब्रीफ सर्वे ऑव दि आइकानोग्राफिक डेटा ऐट कुम्भारिया, नार्थं गुजरात', संबोधि, खं० २, अं० १, अप्रैल १९७३, पृ० ७-१४
(११) 'ए नोट आन ऐन इमेज ऑव राम ऐण्ड सीता आन दि पार्श्वनाथ टेम्पल, खजुराहो, जैन जर्नल, खं० ८, अं० १, जुलाई १९७३, पृ० ३०-३२
(१२) 'ए नोट आन सम बाहुबली इमेजेज फ्राम नार्थ इण्डिया' ईस्ट वे०, खं० २३, अं० ३-४ सितम्बरदिसम्बर १९७३, पृ० ३४७-५३
(१३) 'ऐन अन्पब्लिश्ड इमेज ऑव नेमिनाथ फ्राम देवगढ़', जैन जर्नल, खं० ८, अं० २, अक्तूबर १९७३,
पृ० ८४-८५
(१४) 'दि आइकनोग्राफी ऑव दि इमेजेज़ ऑव सम्भवनाथ ऐट खजुराहो', ज०गु०रि०सो०, खं० ३५, अं० ४, अक्तूबर १९७३, पृ० ३-९
(१५) 'दि आइकनोग्राफी ऑव दि सिक्सटीन जैन महाविद्याज ऐज रिप्रेजेण्टेड इन दि सीलिंग ऑव दि शान्तिनाथ टेम्पल, कुम्भारिया', संबोधि, खं० २, अं० ३, अक्तूबर १९७३, पृ० १५-२२
(१६) 'ओसिया से प्राप्त जीवन्तस्वामी की अप्रकाशित मूर्तियां', विश्वभारती, खं० १४, अं० ३, अक्तूबर
दिसम्बर १९७३, पृ० २१५-१८
(१७) 'उत्तर भारत में जैन यक्षी पद्मावती का प्रतिमानिरूपण', अनेकान्त, वर्ष २७, अंक २, अगस्त १९७४, पृ० ३४-४१
(१८) 'ए यूनीक इमेज ऑव ऋषभनाथ ऐट आर्किअलाजिकल म्यूजियम, खजुराहो', ज०ओ०६०, खं० २४, अं० १-२ सितम्बर-दिसम्बर १९७४, पृ० २४७-४९
(१९) 'इमेजेज ऑव अम्बिका आन दि जैन टेम्पल्स ऐट खजुराहो', ज०ओ०ई०, खं० २४, अं० १-२, सितम्बर - दिसम्बर १९७४, पृ० २४३-४६
(२०) 'ए नोट आन ऐन इमेज ऑव ऋषभनाथ इन दि स्टेट म्यूजियम, लखनऊ', ज० गु०रि०सो०, खं० ३६, अं० ४, अक्तूबर १९७४, पृ० १७-२०
(२१) 'उत्तर भारत में जैन यक्षी अम्बिका का प्रतिमानिरूपण', संबोधि, खं० ३, अं० २-३,
पृ० २७-४४
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दिसम्बर १९७४,
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