Book Title: Jain Muni Ke Vrataropan Ki Traikalik Upayogita Navyayug ke Sandarbh Me
Author(s): Saumyagunashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith
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224...जैन मुनि के व्रतारोपण की त्रैकालिक उपयोगिता कारण हिंसा के अलावा अनेक रोगों के शिकार हो जाते हैं एवं अपने प्राणों से भी हाथ धोना पड़ जाता है।
तीसरा दोष यह है कि रात का समय अंधकार का होता है, अत: सात्त्विक आहार भी रात के समय में तामसिक बन जाता है। ऐसे आहार के सेवन से क्रोध, हिंसा, भय, घृणा, चंचलता आदि विकारों से यह मन ग्रसित होकर पतन की राह पर भटक जाता है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से ___ आधुनिक चिन्तकों का तर्क है कि आगम और आगमेतर साहित्य में रात्रिभोजन के सम्बन्ध में जिन दोषों की सूची प्रस्तुत की गई है उनमें से अधिकांश दोष अन्धकार के कारण होते हैं। क्योंकि अन्धेरे में जीव-जन्तु आदि दिखाई नहीं देते, पर आज विज्ञान की अपूर्व देन से हमें विद्युत उपलब्ध है। विद्युत के तीव्र आलोक में सूक्ष्म से सूक्ष्म वस्तु भी सहज रूप से देखी जा सकती है इसलिए जहाँ तक देखने का प्रश्न है वहाँ विद्युत ने उसका हल कर दिया है।
अत: जीव-जन्तु के भक्षण का अब प्रश्न ही नहीं रहता। __इसका प्रतिपक्षी जवाब यह है कि आगम और आगमेतर साहित्य में जन्तु
आदि विराधना की जो बात कही गई है, वह स्थूल है। हमारी दृष्टि से सूर्य के प्रकाश में जो विशेषता है वह विद्युत के प्रकाश में नहीं है। चाहे वह कितना ही तीव्र और चमचमाता हुआ क्यों न हो। हीरे आदि जवाहरात का परीक्षण विद्युत प्रकाश में नहीं होता, उसका परीक्षण तो सूर्य की रोशनी में ही होता है। कमल सूर्य की रोशनी में ही विकसित होते हैं, विद्युत प्रकाश में नहीं। सूर्योदय होते ही प्राणवायु की मात्रा बढ़ जाती है। यह प्राणवायु श्रम करने के लिए आवश्यक है। भोजन पाचन के लिए भी प्राणवायु को आवश्यक माना गया है। रात्रि में प्राणवायु की मात्रा कम हो जाती है और कार्बन-डाइ-आक्साइड की मात्रा बढ़ती है जिसके कारण पेड़-पौधों को लाभ मिलता है, पर मानवों को उससे लाभ नहीं मिलता। जैसे रात्रि होने पर कमल के फूल सिकुड़ने लगते हैं वैसे ही रात्रि में मानव का पाचन संस्थान भी सिकुड़ने लगता है। अब तो वैज्ञानिक अनुसंधानों से बहुत कुछ निश्चित हो चुका है जैसे कि सूर्य प्रकाश में अल्ट्रावायलेट एवं इन्फ्रारेड ऐसे दो प्रकार की अदृश्य किरणें होती हैं। उनमें से एक प्रकार की किरण वातावरण को सूक्ष्म जीवाणु रहित बनाती है। * सूर्य प्रकाश से विटामिन